Jammu Kashmir: हजरतबल दरगाह में अशोक चिह्न की तोड़फोड़ पर मचा बवाल थमा नहीं, 26 गिरफ्तार

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: September 7, 2025 17:00 IST2025-09-07T17:00:24+5:302025-09-07T17:00:24+5:30

दरगाह में अशोक स्तंभ वाली शिलापट्टी को तोड़े जानी की घटना को दरक्षां अंद्राबी ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने हजरतबल में एक प्रेस कांफ्रेंस में पूछा कि यह घटना पत्थर पर दाग नहीं है, यह मेरे दिल पर दाग है। 

Jammu Kashmir: The uproar over the vandalism of Ashoka symbol at Hazratbal Dargah did not stop, 26 arrested | Jammu Kashmir: हजरतबल दरगाह में अशोक चिह्न की तोड़फोड़ पर मचा बवाल थमा नहीं, 26 गिरफ्तार

Jammu Kashmir: हजरतबल दरगाह में अशोक चिह्न की तोड़फोड़ पर मचा बवाल थमा नहीं, 26 गिरफ्तार

जम्मू: हजरतबल दरगाह में अशोक चिह्न की तोड़फोड़ पर मचा बवाल थमा नहीं है।पूरे मामले में जम्मू कश्मीर पुलिस ने 26 लोगों को हिरासत में लिया है। इस घटना के बाद राजनीतिक विवाद भी छिड़ गया है। कुछ नेताओं ने मस्जिद में प्रतीक लगाने पर आपत्ति जताई है, जबकि कुछ ने तोड़फोड़ की निंदा की है। हालांकि पूरे मामले में फिलहाल जांच की जा रही है।

देखते ही देखते दरगाह के इस मामले ने सियासी रुख ले लिया है। दरगाह में अशोक स्तंभ वाली शिलापट्टी को तोड़े जानी की घटना को दरक्षां अंद्राबी ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने हजरतबल में एक प्रेस कांफ्रेंस में पूछा कि यह घटना पत्थर पर दाग नहीं है, यह मेरे दिल पर दाग है। 

यह संविधान पर एक दाग है, जिसे यहां के चुने हुए नेता उभारते हैं। क्या यहां के नेता प्रतीक चिह्न का इस्तेमाल नहीं करते? क्या हमारे चुने हुए मुख्यमंत्री प्रतीक चिह्न साथ नहीं ले जाते? अंद्राबी ने कहा कि जिन लोगों को अशोक स्तंभ के इस्तेमाल से समस्या है, उन्हें दरगाह जाते समय प्रतीक चिह्न वाले नोट नहीं ले जाने चाहिए। इसी के साथ उन्होंने शिलापट्टी को तोड़ने वालों को आतंकवादी तक कह दिया। उन्होंने कहा, कि इस कृत्य को अंजाम देने वाले किसी आतंकवादी से कम नहीं हैं।

दरअसल 5 सितंबर को पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिन पर जम्मू कश्मीर की हजरतबल दरगाह में भी सजावट की गई थी। यहां लगाई गई शिलापट्ट में अशोक स्तंभ उकेरा गया था। नमाज के बाद लोग शिलापट्ट के पास एकत्रित हो गए। 

अशोक स्तंभ को लेकर विरोध करने लगे। शुरुआत में लोगों ने नारेबाजी की। इसके बाद कुछ लोगों ने शिलापट्टी को ईंट-पत्थर से तोड़ दिया। इस विरोध प्रदर्शन में न केवल पुरुषों ने भाग लिया, बल्कि महिलाएं भी विरोध करती नजर आईं। उन्होंने शिलालेख पर पत्थर फेंके।

हजरतबल दरगाह के इस पूरे विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। कई लोग इस घटना को गलत बता रहे हैं। शिलालेख अशोक स्तंभ विवाद के बाद दरगाह पर बड़ी तादाद में पुलिस तैनात की गई है। सीसीटीवी और वायरल वीडियो के आधार पर पुलिस ने 26 लोगों को गिरफ्तार किया है। पूरे मामले में पुलिस की तरफ से जांच की जा रही है। आगे और भी गिरफ्तारियां की जा सकती हैं।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मामले में कूदते हुए दरगाह पर प्रतीक चिन्ह की लगाए जाने पर सवाल उठाया है। उन्होंने तोड़फोड़ में शामिल लोगों पर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) लगाए जाने पर चिंता व्यक्त की है। इसके साथ ही कहा कि प्रतीक चिह्न और पत्थर लगाने की क्या जरूरत थी?

इस बीच, जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की प्रमुख ने पहले प्रतीक चिह्न हटाने के लिए ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने कहा कि तोड़फोड़ के पीछे के लोग सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे और उनके साथ कानून तोड़ने वालों जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए।

दूसरी ओर उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने तोड़फोड़ की निंदा की और कहा कि वह इस कृत्य से “बहुत व्यथित” हैं। हालांकि, उन्होंने प्रतीक चिह्न की स्थापना पर सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

Web Title: Jammu Kashmir: The uproar over the vandalism of Ashoka symbol at Hazratbal Dargah did not stop, 26 arrested

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