अमरनाथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा के नाम पर रोडबंदी से त्रस्त हुए जम्मू कश्मीरवासी, सरकार ने एक-दो दिनों में परेशानी दूर करने का दिया आश्वासन
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: July 4, 2023 12:48 IST2023-07-04T12:46:08+5:302023-07-04T12:48:38+5:30
सुरक्षाबल कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते हैं। पिछली बार से चार गुणा अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात करने के बावजूद वे राजमार्ग से जुड़ने वाले लिंक रोडों पर वाहनों ओर इंसानों की आवाजाही को खतरा इसलिए मान रहे हैं क्योंकि खुफिया रिपोर्ट ऐसा कहती हैं।

फाइल फोटो
श्रीनगर: पिछले पांच दिनों से जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग के साथ लगते कस्बों के लोग परेशानी की हालत में हैं। यह परेशानी अमरनाथ श्रद्धालुओं को मुहैया करवाई जा रही सुरक्षा के नाम पर किए जाने वाले बंदोबस्त से है।
रोचक तथ्य इस बंदोबस्त का यह है कि श्रद्धालुओं को बालटाल और पहलगाम तक ड्राप कर लौटने वाली खाली सरकारी बसें भी जब जम्मू बेस कैंप में आती हैं तब भी इन कस्बों के लोगों को ‘रोडबंदी’ के दौर से घंटों गुजरना पड़ रहा है।
दरअसल सुरक्षाबल कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते हैं। पिछली बार से चार गुणा अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात करने के बावजूद वे राजमार्ग से जुड़ने वाले लिंक रोडों पर वाहनों ओर इंसानों की आवाजाही को खतरा इसलिए मान रहे हैं क्योंकि खुफिया रिपोर्ट ऐसा कहती हैं। याद रहे पुलवामा में हुआ हमला भी ऐसी ही एक विस्फोट से लदी कार ने किया था जो लिंक रोड से निकल कर काफिले में जा घुसी थी।
नतीजतन सुबह 4 बजे जब अमरनाथ श्रद्धालुओं का जत्था जम्मू से रवाना होता है फिर आठ बजे तक राजमार्ग पर न ही आम नागरिकों के वाहनों को चलने की अनुमति दी जा रही है और न ही टूरिस्टों को। पैदल चलने की भी मनाही है। उनकी आवाजाही को रोकने के लिए लगाई जाने वाली तारबंदी रोडबंदी को पक्का करती है।
सबसे बुरी हालत अनंतनाग के बाजारों की हैं जहां दुकानों को इस रोडबंदी के कारण दिन में मात्र कुछेक घंटों के लिए ही अपनी दुकानंे खोलने की अनुमति प्रदान की जा रही है जबकि कश्मीर सामान लेकर आने जाने वाले वाहनों को पिछले 5 दिनों से ही राजमार्ग पर ही रोका गया है ताकि अमरनाथ यात्रा सुरक्षित रहे। बाकी जनता जाए भाड़ में।
हालांकि इस रोडबंदी के विरूद्ध उठते विरोध स्वरों के बाद उपराज्यपाल के कार्यालय ने कहा है कि सुरक्षा प्रबंधों के कारण पर्यटकों व स्थानीय नागरिकों की आवाजाही में हो रही दिक्कत अगले दो दिनों में दूर हो जाएगी। इसके लिए ट्रैफिक प्रबंधन में आवश्यक सुधार किया जा रहा है। विभिन्न रूटों पर वाहनों के आवागमन को युक्तिसंगत बनाया जा रहा है।
सरकारी प्रवक्ता का कहना था कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा खुद इस विषय में संबधित कार्ययोजना के कार्यान्वयन की निगरानी कर रहे हैं। अमरनाथ यात्रा और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने श्रद्धालुओं व कश्मीर घूमने वाले पर्यटकों की वाहनों की आवाजाही के लिए समय सारिणी निर्धारित की है।