श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर के जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव की मतगणना जारी है। श्रीनगर की बल्हमा सीट पर भाजपा ने बाजी मार ली है। कश्मीर में बीजेपी ने खाता खोल लिया।
चुनाव जीतने के बाद ऐजाज हुसैन ने कहा कि हमने PAGD के उम्मीदवार के खिलाफ लड़ाई लड़ी और भाजपा आज (श्रीनगर की बल्हमा सीट) सीट पर विजयी हुई। मैं जम्मू-कश्मीर और सुरक्षा बलों के लोगों को बधाई देता हूं। कश्मीर घाटी में बीजेपी का जीतना एक रिकॉर्ड की तरह है।
डीडीसी चुनाव के लिए भाजपा प्रभारी अनुराग ठाकुर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता को 70 वर्षों में पहली बार जिला विकास परिषद चुनाव में मतदान का अवसर मिला। खुशी की बात है कि लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। मोदी जी का जो सपना था कि नीचे तक पंचायत, BDC और DDC के चुनाव हों वह पूरा हुआ। यह लोकतंत्र की जीत है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि निश्चित तौर पर भाजपा अच्छा प्रदर्शन करेगी। लोग चाहते हैं कि नया नेतृत्व उभरकर आगे आए। जहां एक ओर नए नेतृत्व को आगे आने का अवसर मिलेगा वहीं लोगों को अच्छे प्रतिनिधि मिलेंगे ताकि स्थानीय स्तर पर विकास हो सके।
शुरुआती रुझान में गुपकर गठबंधन भाजपा से आगे
जम्मू-कश्मीर के जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव की मतगणना जारी है, जिसके शुरुआती रूझान में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद बना गुपकर घोषणा पत्र गठबंधन (पीएजीडी) भाजपा से आगे दिख रहा है। नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी समेत सात दलों का यह गठबंधन 25 डीडीसी सीटों के रुझान में 10 सीटों पर आगे दिख रहा है।
भाजपा छह, अपनी पार्टी तीन और कांग्रेस दो सीटों पर आगे है। जम्मू-कश्मीर में आठ चरणों में डीडीसी चुनाव के लिये मतदान हुआ था। पिछले साल अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में यह पहले चुनाव थे। पहले चरण का मतदान 28 नवम्बर को हुआ था और आठवें एवं अंतिम चरण का मतदान 19 दिसंबर को हुआ। कुल मिलाकर शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए इन चुनावों में 57 लाख पात्र मतदाताओं में से 51 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
कश्मीर केन्द्रित मुख्य धारा की सात राजनीतिक पार्टियों ने गुपकर घोषणा पत्र गठबंधन (पीएजीडी) के बैनर तले चुनाव लड़ा था। इन पार्टियों में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी भी शामिल हैं। शुरुआत में कांग्रेस भी पीएजीडी का हिस्सा थी, लेकिन बाद में उसने गठबंधन से दूरी बना ली क्योंकि भाजपा ने विपक्षी दलों को ‘‘गुपकर गैंग’ कहते हुए निशाना साधा था। पिछले सात चरण में कांग्रेस अकेले ही चुनाव में उतरी लेकिन ऐसा समझा जाता है कि पीएजीडी के साथ उसकी सहमति थी।