जम्मू-कश्मीर सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी, हिजबुल मुजाहिद्दीन का टॉप कमांडर मुठभेड़ में ढेर
By वैशाली कुमारी | Updated: July 7, 2021 14:28 IST2021-07-07T14:27:00+5:302021-07-07T14:28:10+5:30
सुरक्षा बलों ने जिस आतंकवादी को ढेर किया है, वह हिजबुल मुजाहिद्दीन का टॉप कमांडर में से एक था। वह सबसे पुराने आतंकवादियों में से एक था।

सुरक्षा बलों ने जिस आतंकवादी को ढेर किया है, वह हिजबुल मुजाहिद्दीन का टॉप कमांडर में से एक था
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में हुए मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। यहां हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर मेहराजुद्दीन हलवाई उर्फ उबैद को मार गिराया है। बतादें कि उबैद हिजबुल के सबसे पुराने आतंकवादियों में से एक था और कई आतंकी हमलों में शामिल था। वही इस मामलें में आईजीपी कश्मीर ने उसके मारे जाने को एक बड़ी कामयाबी बताई है। सुरक्षाबलों को उबैद तलाश लंबे समय से थी।
सेना, पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने चलाया था अभियान
पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने अपने बयान में बताया कि उत्तरी कश्मीर हंदवाड़ा के करालगुंड इलाके के पाजीपोरा इलाके में सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में 36 वर्षीय मेहराजुद्दीन मारा गया। । इसके साथ ही पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि वह हिज्बुल के सबसे पुराने आतंकियों में से एक था। उसका मारा जाना सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी कामयाबी है। बतादें कि सेना, पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने हंदवाड़ा में एक अभियान चलाया था जिसके बाद उबैद सुरक्षाबलों के हत्थे चढ़ा।
हंदवाड़ा के क्रालगुंड इलाके में जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना की 32 राष्ट्रीय राइफल्स और सीआरपीएफ की 92 बटालियन की संयुक्त टीम ने इस सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया है। वहीं इस बीच, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह, एडीजी जम्मू मुकेश सिंह, आईबी प्रमुख अरविंद कुमार, डीजी सीआरपीएफ कुलदीप सिंह और डीजी सीआईएसएफ सुधीर कुमार के साथ जम्मू कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा भी की।26 जून की रात जम्मू वायुसेना स्टेशन पर ड्रोन हमले के बाद उच्च स्तरीय बैठक हुई थी।
एएनआई के मुताबिक, जम्मू कश्मीर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने ड्रोन हमले के बाद राज्य में खासकर सीमावर्ती इलाकों में किए गए सुरक्षा इंतजामों की जानकारी गृह सचिव को दी थी। जम्मू वायु सेना स्टेशन के तकनीकी क्षेत्र में 27 जून को दो विस्फोटों की सूचना मिली थी। इस बात कि सूचना भारतीय वायु सेना ने दि था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब मेहराजुद्दीन वर्ष 2012 से उत्तरी कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। घाटी में अब तक हुए कई आतंकवादी हमलों में वह शामिल रह चुका था। सुरक्षाबलों की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल दस आतंकियों की सूची में वह चौथे नंबर पर था। मेहराजुद्दीन उत्तरी कश्मीर में कई नागरिकों-सुरक्षाबलों की हत्याओं में शामिल रह चुका था।
सोपोर के खुशालमट्टू गांव का रहने वाला मेहराजुद्दीन को सुरक्षाबलों ने मोस्ट वांटेड सूची में डबल-ए श्रेणी में रखा था। करीब 36 वर्षीय मेहराजुद्दीन वर्ष 2015 के अंत तक उत्तरी कश्मीर में पूरी तरह सक्रिय हो चुका था। सुरक्षाबलों ने जब उसे पकड़ने का सिलसिला तेज किया तो वह कुछ सालों के लिए पाकिस्तान में जा छिपा था। उसके वापस लौटने पर ही वर्ष 2019 में सुरक्षाबलों ने उसे अपनी मोस्ट वांटेड सूची में शामिल किया।
सुरक्षाबल चला रहे हैं ऑपरेशन ऑलआउट
बतादें कि घाटी में आतंकवाद के खात्मे के लिए सुरक्षाबल ऑपरेशन ऑलआउट चला रहे हैं। इस ऑपरेशन का मतलब है आतंकवादियों की सीधे मौत। वहीं इस समय भाड़े के आतंकवादी भी एक नई चुनौती बनते जा रहे हैं क्योकि ये सुरक्षाबलों की हिट लिस्ट में शामिल नहीं होते, इसलिए इन्हें पकड़ना या मारना मुश्किल हो जाता है।
आतंकी के मारे जाने के बाद सुरक्षाबलों द्वारा ली गई तलाशी में मुठभेड़ स्थल से एक एके-47, 04 मैगजीन, पावर बैंक, कंबल, दवाइयां, ग्रेनेड व संगठन से संबंधित कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए।