कश्मीर में हुए ड्रोन हमले की जांच में हुआ बड़ा खुलासा, पाकिस्तान के ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बनाए गए थे विस्फोटक
By दीप्ती कुमारी | Published: July 8, 2021 12:11 PM2021-07-08T12:11:11+5:302021-07-08T12:11:11+5:30
जम्मू-कश्मीर में हुए ड्रोन हमले की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस हमले में इस्तेमाल किए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बनाए गए थे।
कश्मीर: जम्मू में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर हुए विस्फोटक ड्रोन हमले में एक बड़ा खुलासा हुआ है । मामले में प्रारंभिक जांच से पता चला कि कश्मीर में हुए दोहरे विस्फोट में इस्तेमाल किए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बनाए गए थे।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ होने का संदेह जताया था । दो ड्रोन ने 27 जून को जम्मू हवाई अड्डे पर स्थित भारतीय वायु सेना स्टेशन पर विस्फोटक सामग्री गिराई थी, जिसमें 2 जवान घायल हो गए थे ।
टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू में वायु सेना स्टेशन पर दोहरे ड्रोन हमले में भारतीय जांच एजेंसियों (एनआईए) द्वारा एकत्र किए गए सुबूत स्पष्ट रूप से यह दिखाते हैं कि ड्रोन के साथ आईईडी से जुड़े फ्यूज बेहद जटिल है और ऐसा लगता है इसका निर्माण पाकिस्तान ऑर्डिनेंस कारखाने में किया गया है ।
#NewsAlert | #JammuAirForceStation attack: Initial probe suggests that the IEDs used in the blast were made in Pak ordinance factory.
— TIMES NOW (@TimesNow) July 8, 2021
Pradeep Dutta with details. pic.twitter.com/pkcfRTJpye
माना जा रहा है कि आरडीएक्स सहित विस्फोटक सामग्री के कॉकटेल का इस्तेमाल किया गया था । यह मामला मंगलवार को एनआईए को सौंपा गया। सूत्रों के अनुसार प्रारंभिक रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई है कि आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था और दोनों आईडी लगभग डेढ़ से 2 किलोग्राम विस्फोटक से भरे हुए थे । हालांकि अभी फॉरेंसिक लैब पर सैंपल की जांच की जा रही है।
सूत्र के अनुसार अभी केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है, जो इस बात की पुष्टि करेगी कि क्या केवल आरडीएक्स विस्फोटक के मिश्रण का इस्तेमाल किया गया था या अन्य किसी चीज का इस्तेमाल भी किया गया था । भारतीय वायु सेना स्टेशन पर हुए इस हमले की जांच एनआईए को सौंपने का निर्णय गृह मंत्रालय द्वारा लिया गया था।
इस हमले और पिछले कुछ दिनों में क्षेत्र में लगातार नजर आए कई संदिग्ध ड्रोन के मद्देनजर वायु सेना ने 10 एंटी ड्रोन सिस्टम खरीदने का भी फैसला किया है । आईएएफ ने भारतीय कंपनियों से 10 काउंटर मानवरहित प्रणाली (सीयूएएस) प्राप्त करने के इरादे से सूचना के लिए अनुरोध (आरएफआई) जारी किया है।