Jammu-Kashmir: अखनूर में घुसपैठ नाकाम, GCO जवान शहीद; तीन आतंकी ढेर

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: April 12, 2025 10:03 IST2025-04-12T10:01:10+5:302025-04-12T10:03:01+5:30

Jammu-Kashmir: भारतीय सेना की व्हाइट नाइट कोर ने ट्वीट किया, "व्हाइट नाइट कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) और सभी रैंक 9 पंजाब के बहादुर सब-इंस्पेक्टर कुलदीप चंद के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं।

Jammu division Infiltration failed again in Keri Batal of Akhnoor JCO martyred Three terrorists including Jaish commander killed in Kishtwar search continues in Udhampur and Kathua | Jammu-Kashmir: अखनूर में घुसपैठ नाकाम, GCO जवान शहीद; तीन आतंकी ढेर

Jammu-Kashmir: अखनूर में घुसपैठ नाकाम, GCO जवान शहीद; तीन आतंकी ढेर

Jammu-Kashmir: पाकिस्तान ने अपनी रणनीति बदलते हुए एक बार फिर जम्मू संभाग को निशाना बनाना आरंभ किया है। हालत यह है कि एक माह से जम्मू संभाग के लगभग प्रत्येक जिले में आतंकियों की आवाजाही की सूचनाएं सामने आ रही हैं तो साथ ही कई स्थानों पर उनके साथ मुठभेड़ों की खबरें भी। यही नहीं जम्मू संभाग से सटी पाक कब्जे वाले कश्मीर को बांटने वाली एलओसी को भी वह गर्माए हुए है।

समाचार भिजवाए जाते समय भी अखनूर के केरी बटल इलाके में एलओसी को पार कर इस ओर घुसने वाले आतंकियों से मुठभेड़ में एक जेसीओ शहीद हो चुका था जबकि 12 घंटों से दोनों पक्षों में गोलीबारी जारी थी। शहादत पाने वाले जेसीओ की पहचान कुलदीप चंद के तौर पर क गई थी। हालांकि सेना ने इसकी पुष्टि नहीं की है कि पाक सेना घुसपैठ करने वाले आतंकियों को कवर फायर भी दे रही थी।

केरी बटल में में इस साल 11 फरवरी को आतंकियों द्वारा किए गए विस्फोट में सेना के एक कैप्टन और एक जवान की मौत हो चुकी है जबकि उससे पहले घुसने वाले तीन आतंकियों को मार गिराया गया था। तब आतंकियों के खात्मे के लिए टैंकों का भी सहारा लिया गया था।

हालांकि केरी बटल में कथित तौर पर घुसने में कामयाब होने वाले आतंकियों की तलाश जारी थी पर किश्तवाड़ के छात्रू इलाके में जैशे मुहम्मद के कमांडर सैफुल्लाह समेत तीन आतंकियों को ढेर कर दिए जाने के बाद भी सुरक्षाबल कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते इसलिए व्याप्क तलाशी अभियान छेड़ा गया था।

ऐसा ही तलाशी अभियान रामनगर में उन तीन से चार आतंकियों के खिलाफ भी जारी था जिनसे दो बार मुठभेड़ तो हो चुकी है पर न ही अभी तक कोई मारा गया है और न कोई पकड़ा गया था। अगर सूचनाओं पर विश्वास करें तो रियासी और पठानकोट से लगने बार्डर पर भी आतंकियों की आवाजाही देखी गई है।

करीब तीन हफ्ते पहले हीरानगर के सान्याल गांव में जिन आतंकियों से मुठभेड़ हुई थी वे अभी तक मारे नहीं गए हैं। वे इन तीन हफ्तों में कभी कठुआ के अन्य कस्बों में दिख रहे हैं और कभी पंजाब से सटे बार्डर पर। सुरक्षाधिकारियों का कहना था कि यह सब ताजा घुसपैठ करने वाले आतंकी हैं और चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस अधिकरी कहते थे कि इन आतंकियों ने जम्मू के इंटरनेशनल बार्डर से घुसपैठ की थी और बीएसएफ का दावा है कि उसके अधीन आने वाली सीमा से कोई आतंकी नहीं घुसा है।

स्थिति यह है कि जम्मू संभाग के लगभग हर जिले में आतंकियों को देखे जाने और उनसे मुठभेड़ों की घटनाएं एक बार फिर जम्मू संभाग के लोगों को दहशतजदा कर रही हैं। जानकारी के लिए पिछले तीन सालों से पाकिस्तान ने अपना सारा ध्यान अब कश्मीर से हटा कर जम्मू संभाग पर लगाना शुरू किया तो जम्मू संभाग में सैनिकों और नागरिकों की मौतों का ग्राफ बहुत बढ़ चुका है।

हालांकि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला इसके लिए जम्मू संभाग से सैनिकों को हटा कर चीन सीमा पर भिजवाने के फैसले को जिम्मेदार ठहराते थे।

Web Title: Jammu division Infiltration failed again in Keri Batal of Akhnoor JCO martyred Three terrorists including Jaish commander killed in Kishtwar search continues in Udhampur and Kathua

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