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गणतंत्र दिवस पर आतंकी खतरा, अलर्ट जारी, पुलिस अफसरों और कर्मियों की छुट्टियां रद्द

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: January 22, 2021 15:36 IST

पाकिस्तानी सेना एलओसी पर भारतीय सीमा चौकिओं पर कब्जे तथा सैनिक गश्ती दलों पर हमलों के लिए एक बार फिर बार्डर एक्शन टीमों को सक्रिय कर चुकी है।

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ठळक मुद्देखतरे के बीच सरकारी कर्मियों को गणतंत्र दिवस परेड समारोहों में उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है।गणतंत्र दिवस के नजदीक आते ही जम्मू कश्मीर दोहरे खतरे से सहमने लगा है। राज्य के भीतर भी आतंकी हमलों का खतरा सुरक्षाबलों के साथ-साथ आम लोगों की नींद हराम करने लगा है।

जम्मूः गणतंत्र दिवस पर आतंकी खतरा किस कद्र सिर पर मंडरा रहा है अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सभी जिला मुख्यालयों में तैनात पुलिस अफसरों व अन्य कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और खतरे के बीच सरकारी कर्मियों को गणतंत्र दिवस परेड समारोहों में उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है।

गणतंत्र दिवस के नजदीक आते ही जम्मू कश्मीर दोहरे खतरे से सहमने लगा है। यह खतरा सिर्फ पाकिस्तान से सटी सीमाओं पर ही नहीं है बल्कि राज्य के भीतर भी आतंकी हमलों का खतरा सुरक्षाबलों के साथ-साथ आम लोगों की नींद हराम करने लगा है। दहशत का आलम कितना है सेना के उस निर्देश से अंदाजा लगाया जा सकता है जिसमें उसने एलओसी तथा आईबी से सटे कुछ कस्बों में शाम सात बजे से सुबह 7 बजे तक लोगों को अपने घरों के भीतर ही रहने के निर्देश दिए हैं।

अधिकारियों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना एलओसी पर भारतीय सीमा चौकिओं पर कब्जे तथा सैनिक गश्ती दलों पर हमलों के लिए एक बार फिर बार्डर एक्शन टीमों को सक्रिय कर चुकी है। व कहते हैं कि मिलने वाली सूचनाओं के मुताबिक, 26 जनवरी के आसपास ऐसे हमलों में तेजी इसलिए आ सकती है क्योंकि पाकिस्तान राज्य में दहशत फैलाना चाहता है। याद रहे पाकिस्तान की बार्डर एक्शन टीमों द्वारा पहले भी कई बार एलओसी और इंटरनेशनल बार्डर पर कई हमलों को अंजाम दिया जा चुका है जिसमें भारतीय सेना को भारी नुक्सान उठाना पड़ा था।

सुरक्षाधिकारी कहते हैं कि ऐसे ही आदेश आतंकियों को जम्मू कश्मीर के कई शहरों में तबाही मचाने के लिए दिए गए हैं। नतीजन सुरक्षा तैयारियों से आम नागरिक बुरी तरह से त्रस्त हो रहे हैं जिन्हें भीषण ठंड के बीच तलाशी अभियानों को सहन करना पड़ रहा है।

दरअसल सुरक्षाबल ऐसा गणतंत्र दिवस की तैयारियों की सकुशलता की खातिर कर रहे हैं। यह सकुशल हो पाएगी या नहीं यह तो समय ही बता पाएगा लेकिन श्रीनगर शहर के अतिरिक्त जम्मू कश्मीर के प्रत्येक बड़े कस्बे में तैनात किए जा रहे सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी के बावजूद यह सुनिश्चित नहीं हो पा रहा है कि समारोह शांतिपूर्वक हो पाएगा क्योंकि आतंकी कोशिशें भी उसी प्रकार बढ़ती जा रही हैं जिस प्रकार सुरक्षा व्यवस्थाएं।

इस दहशत और तनाव का परिणाम है कि प्रयासों के बावजूद प्रशासन को नहीं लग रहा है कि गणतंत्र दिवस समारोहों में शामिल होने के लिए अधिक नागरिक आ पाएंगे।। परिणामस्वरूप गणतंत्र दिवस समारोहांे मंे अधिक भीड़ को दिखाने के लिए सरकारी कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के इरादों से कथित तौर पर एक ‘मौखिक’ सरकारी आदेश निकाल सभी सरकारी कर्मचरियों को किसी भी कीमत पर गणतंत्र दिवस समारोहों में उपस्थित होने के लिए कहा है।

स्थिति यह है कि जम्मू कश्मीर में गणतंत्र दिवस को लेकर शुरू हुई उल्टी गिनती आम नागरिकों को भी दहशतजदा किए हुए है। इस दहशत को सुरक्षाबलों की अचानक छापेमारी और तलाशी अभियान और दहशतजदा बना रहा है तथा सेना के निर्देश भी उन्हें दहशतजदा कर रहे थे।

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