जम्मू-कश्मीर: आतंकी खतरे के बीच अफसरों और कर्मचारियों को 26 जनवरी की परेड में शामिल होने का आदेश
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: January 17, 2023 15:10 IST2023-01-17T15:09:26+5:302023-01-17T15:10:33+5:30
गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान आतंकी हमले की केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की चेतावनी को देखते हुए जम्मू पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है। पुलिस अफसरों और मुलाजिमों को 30 जनवरी तक छुट्टियां नहीं लेने के लिए कहा गया है।

जम्मू-कश्मीर: आतंकी खतरे के बीच अफसरों और कर्मचारियों को 26 जनवरी की परेड में शामिल होने का आदेश
जम्मू: डांगरी नरसंहार के बाद आतंकी खतरे की खबरों के बीच प्रदेश प्रशासन ने सभी सरकारी अफसरों और कर्मचारियों से कहा है कि वे जम्मू तथा श्रीनगर में होने वाले 26 जनवरी के सभी समारोहों में उपस्थिति सुनिश्चित करें। यह आदेश इस बार सभी सरकारी कर्मचारियों व अफसरों के अतिरिक्त पब्लिक सेक्टर की कंपनियों के लिए भी लागू होगा।
इस बार के आदेश के अनुसार, इन सभी को आफिशियल ड्यूटी के तहत बीटिंग रिट्रिट में भी शिरकत करनी होगी। इस बीच जम्मू में मुख्य समारोह एमए स्टेडियम परेड में आयोजित किया जाएगा, जिसे सुरक्षा व्यवस्था के तहत सील कर दिया गया है।
गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान आतंकी हमले की केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की चेतावनी को देखते हुए जम्मू पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है। पुलिस अफसरों और मुलाजिमों को 30 जनवरी तक छुट्टियां नहीं लेने के लिए कहा गया है। अंतरराष्ट्रीय सीमा से आतंकियों के प्रदेश में घुसपैठ की आशंका के मद्देनजर पाकिस्तान की सीमा से सटे क्षेत्रों और पंजाब से लगी सीमा पर कड़ी चौकसी बरती जा रही है।
वाहनों की जांच पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और जम्मू-पठानकोट तथा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर विशेष रूप से जांच की जा रही है। पुलिस ने सभी ट्रक ड्राइवरों और उनके सहायकों का रिकार्ड रखने के लिए एक मोबाइल एप भी बनाया है ताकि आतंकवादियों के प्रवेश और हथियारों की तस्करी को रोका जा सके। सीमा की सुरक्षा भी कड़ी कर दी गयी है और सभी सीमावर्ती सड़कों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को तैनात किया गया है और 24 घंटों गश्त और गहन जांच का जिम्मा सौंपा गया है।
जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर शांति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य समारोह स्थल के आसपास विशेष प्रबंध किए गए हैं और शांति बनाए रखने के लिए लोगों से सहयोग मांगा गया है।
सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू कश्मीर को लेकर पिछले कुछ समय से जो घटनाक्रम हो रहे हैं, उससे आतंकियों के आका हताश हो चुके हैं। कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान जिस तरह अलग थलग पड़ चुका है, उसे देखते हुए आईएसआई किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रही है।
पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। कुछ रेडियो संदेश भी पकड़े गए हैं, जो इस बात का संकेत कर रहे हैं कि बीते एक सप्ताह से अपनी मांद में छिपे आतंकियों को उस कश्मीर में बैठे उनके कमांडर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए लगातार कह रहे हैं।
सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े अधिकारी ने बताया कि आतंकी अपनी उपस्थिति का अहसास कराने के लिए किसी सॉफ्ट टारगेट को चुन सकते हैं। वह किसी जगह बम विस्फोट या सुरक्षाबलों के कैंप पर हमला कर सकते हैं। आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था की नए सिरे से समीक्षा कर आवश्यक सुधार किए गए हैं।