जम्मू-कश्मीर: महबूबा मुफ्ती चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगी, गुलाम नबी आजाद पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार नहीं करेंगे

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: August 28, 2024 18:29 IST2024-08-28T18:27:42+5:302024-08-28T18:29:28+5:30

कश्मीर में हो रहे विधानसभा चुनावों में आज पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी अर्थात पीडीपी और डेमोक्रेटिक प्रगतिशील आजाद पार्टी अर्थात डीपीएपी को उस समय झटके लगे जब पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने चुनाव मैदान में उतरने से इंकार कर दिया।

Jammu and Kashmir Mehbooba Mufti will not contest elections, Ghulam Nabi Azad will not campaign for Party candidates | जम्मू-कश्मीर: महबूबा मुफ्ती चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगी, गुलाम नबी आजाद पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार नहीं करेंगे

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगी और डीपीएपी के चीफ गुलाम नबी आजाद पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार नहीं करेंगें

Highlightsपीडीपी और डीपीएपी को झटकेपीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगी गुलाम नबी आजाद पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार नहीं करेंगें

जम्मू:  कश्मीर में हो रहे विधानसभा चुनावों में आज पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी अर्थात पीडीपी और डेमोक्रेटिक प्रगतिशील आजाद पार्टी अर्थात डीपीएपी को उस समय झटके लगे जब पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने चुनाव मैदान में उतरने से इंकार कर दिया। तो दूसरी ओर डीपीएपी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने स्वास्थ्य कारणों से अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने मैदान में उतरने से इंकार कर दिया। राजनीतिक पंडितों ने इन दो अध्यक्षों द्वारा लिए गए फैसलों पर हैरानगी जरूर प्रकट की है।

डेमोक्रेटिक प्रगतिशील आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए कहा कि वह विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार नहीं कर पाएंगे। एक बयान में आजाद ने कहा कि 25 अगस्त की रात को श्रीनगर में उन्हें सीने में तेज दर्द हुआ। अगली सुबह मैंने जल्द से जल्द दिल्ली के लिए फ्लाइट ली और एम्स अस्पताल में भर्ती हो गया। यहां मैं दो दिन तक भर्ती रहा, जबकि डाक्टरों ने उन्हें आश्वासन दिया कि अभी कोई खतरा नहीं है। 

याद रहे जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और एक प्रमुख राष्ट्रीय नेता गुलाम नबी आज़ाद ने दशकों तक जम्मू कश्मीर की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अपने व्यापक अनुभव और राजनीतिक कौशल के लिए जाने जाने वाले, अभियान से उनकी अनुपस्थिति वर्तमान जम्मू कश्मीर चुनावों में उनकी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका होने की उम्मीद है। और इसी प्रकार का झटका पीडीपी नेताओं को भी लगा है क्योंकि इस विधानसभा चुनाव में पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती चुनाव नहीं लड़ेंगी। महबूबा ने कहा अगर वह मुख्यमंत्री बन भी जाती हैं तो भी वह केंद्र शासित प्रदेश में अपनी पार्टी के एजेंडे को पूरा नहीं कर पाएंगी। उधर, उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती इस चुनाव में शिरकत करेंगी।

उन्होंने कहा कि मैं भाजपा के साथ सरकार की मुख्यमंत्री रही हूं, जिसने (2016 में) 12,000 लोगों के खिलाफ एफआईआर वापस ले ली थी। क्या हम अब ऐसा कर सकते हैं? मैंने (पीएम) मोदी के साथ सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में अलगाववादियों को बातचीत के लिए आमंत्रित करने के लिए एक पत्र लिखा था। क्या आप आज ऐसा कर सकते हैं? मैंने जमीन पर संघर्ष विराम (लागू) करवाया। क्या आप आज ऐसा कर सकते हैं? यदि आप मुख्यमंत्री के रूप में एफआईआर वापस नहीं ले सकते हैं, तो ऐसे पद का क्या किया जा सकता है? पीडीपी अध्यक्ष से पूछा गया कि क्या उनके चुनाव लड़ने के विचार में कोई बदलाव आया है, जब उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश होने तक चुनाव में भाग नहीं लेने के अपने रुख पर यू-टर्न ले लिया।

इतना जरूर है कि महबूबा मुफ्ती खानदान की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए मंगलवार को तीसरी पीढ़ी भी मैदान में उतर आई। इल्तिजा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने दक्षिण कश्मीर में सिरीगुफवारा-बिजबिहाड़ा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए नामांकन जमा कराया है।

Web Title: Jammu and Kashmir Mehbooba Mufti will not contest elections, Ghulam Nabi Azad will not campaign for Party candidates

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे