जम्मू-कश्मीरः पांच दिन में चार जवान शहीद, पाक लगातार कर रहा सीजफायर का उल्लंघन

By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 6, 2020 06:03 PM2020-10-06T18:03:54+5:302020-10-06T18:03:54+5:30

पिछले 9 महीनों में 3000 से ज्यादा बार पाक सेना गोले दाग चुकी है। पिछले साल यह आंकड़ा 2050 था 12 महीनों का। और चिंता की बात यह है कि अगले महीने सीजफायर को 17 साल हो जाएंगें लागू हुए।

Jammu and Kashmir Four soldiers martyred five days Pak violating ceasefire continuously | जम्मू-कश्मीरः पांच दिन में चार जवान शहीद, पाक लगातार कर रहा सीजफायर का उल्लंघन

इस साल जून के बाद 12 जवानों को सेना एलओसी पर खो चुकी है। (file photo)

Highlightsअगले महीने की 26 तारीख को सीजफायर 17 साल पूरे कर लेगा। इस अवधि में स्नाइपर शाट 136 जवानों की जानें ले चुका है।सेना की परेशानी यह है कि वह सीजफायर की पाबंदियों को मानने पर मजबूर है। सीजफायर के बीच होने वाली रहस्यमयी गोलीबारी अर्थात स्नाइपर शाट की घटनाओं से सेना परेशान हो उठी है।

जम्मूः पिछले पांच दिनों में सेना को पाक गोलों की बरसात में अपने चार जवानों की शहादत देनी पड़ी है। इस साल जून के बाद से 12 जवान सरहद पर शहादत पा चुके हैं।

यह मौतें उन मौतों से अलग हैं जिन्हें भारतीय सेना को सीजफायर के बावजूइ आईबी और एलओसी पर होने वाली स्नाइपर गोलीबारी में अपने जवानों को खोने की हैं। अगले महीने की 26 तारीख को सीजफायर 17 साल पूरे कर लेगा। इस अवधि में स्नाइपर शाट 136 जवानों की जानें ले चुका है।

इस साल एलओसी तथा आईबी पर पाक गोलाबारी में बिजली सी तेजी आई है। यह कितनी है इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले 9 महीनों में 3000 से ज्यादा बार पाक सेना गोले दाग चुकी है। पिछले साल यह आंकड़ा 2050 था 12 महीनों का। और चिंता की बात यह है कि अगले महीने सीजफायर को 17 साल हो जाएंगें लागू हुए।

सेना को अपने एक जेसीओ को गोलाबारी में खोना पड़ा

कल भी सेना को अपने एक जेसीओ को गोलाबारी में खोना पड़ा है। एक तारीख को भी उड़ी व राजौरी में उसके चार जवान शहीद हो गए थे। ऐसा भी नहीं है कि भारतीय पक्ष जवाबी कार्रवाई न कर रहा हो बल्कि उस पार उसने त्राहि त्राहि मचा रखी है। लेकिन सेना की परेशानी यह है कि वह सीजफायर की पाबंदियों को मानने पर मजबूर है।

यह भी सच है कि एलओसी पर जारी सीजफायर के बीच होने वाली रहस्यमयी गोलीबारी अर्थात स्नाइपर शाट की घटनाओं से सेना परेशान हो उठी है। उसकी परेशानी इन घटनाओं में अभी तक उसके 136 के करीब जवानों की हुई मौत है और उसकी हालत यह है कि वह इसके लिए किसी को दोषी ठहराने की स्थिति में इसलिए नहीं है क्योंकि अगर ऐसा करती है तो सीजफायर दांव पर लग जाता है।

दो जवानों की मौत एलओसी पर स्नाइपर शाट से हुई थी

पिछले महीने भी दो जवानों की मौत एलओसी पर स्नाइपर शाट से हुई थी। यह कोई पहला मौका नहीं है जबकि एलओसी पर रहस्यमयी गोलीबारी से किसी जवान की मौत हुई हो। पिछले 17 सालों से जारी सीजफायर की अवधि में यह 136वीं घटना थी और 136 जवान शहीद हो चुके हैं। जबकि इस साल जून के बाद 12 जवानों को सेना एलओसी पर खो चुकी है।

दरअसल इन रहस्यमयी गोलीबारी की घटनाओं के पीछे पाक सेना के वे निशानेबाज हैं जो स्नाईपर राइफलों से भारतीय जवानों को निशाना बना रहे हैं। कई बार फ्लैग मीटिंगों में भारतीय पक्ष द्वारा इस पर आपत्ति जताई जा चुकी है लेकिन हर बार पाक सेना ऐसी किसी गोलीबारी की घटना से इंकार कर चुकी है।

नतीजतन रहस्यमयी गोलीबारी, जिसके पीछे भारतीय पक्ष के मुताबिक पक्के तौर पर पाक सेना और उसके वे आतंकी पिट्ठू हैं जो सीमा के उस पार पाक सीमा चौकियों पर शरण लिए हुए हैं, से सेना परेशान हो उठी है। ऐसी दशा में सेना के पास ऐसी रहस्यमयी गोलीबारी की घटनाओं और घुसपैठ के बढ़ते दबाव से निपटने का एक ही रास्ता बचा है और वह यह है कि एलओसी पर जारी सीजफायर समाप्त हो जाए। एक सेनाधिकारी के बकौलः‘सीजफायर ने पाक सेना को अपनी पोजिशनें मजबूत करने और घुसपैठ को कारगार ढंग से अंजाम देनेे का मौका दिया है।’

वर्ष 2003 में जब दोनों मुल्कों के बीच संघर्ष विराम समझौता हुआ तो कुछ अरसे तक एलओसी तथा इंटरनेशनल बार्डर पर शांति बनी रही थी पर यह ज्यादा देर तक इसलिए नहीं टिक पाई क्योंकि पाकिस्तान की ओर से की जाने वाली रहस्यमयी गोलीबारी ने भारतीय जवानों की जानें लेनी आरंभ कर दी थी।

Web Title: Jammu and Kashmir Four soldiers martyred five days Pak violating ceasefire continuously

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