जम्मू-कश्मीर: बिजली विभाग ने मीटर प्रीपेड में बदलने का आदेश जारी किया, जम्मू में खुद ही हजारों उपभोक्ताओं के पोस्ट पेड मीटरों को प्रीपेड में बदला
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: July 4, 2023 13:39 IST2023-07-04T13:36:16+5:302023-07-04T13:39:35+5:30
कश्मीर में बिजली आपूर्ति करने वाले केपीडीसीएल ने कश्मीर के करीब 57000 स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को पहले चरण में प्रीपेड में चले जाने के लिए कहा है। विभाग का कहना है कि लगभग 10 हजार उपभोक्ता बिजली के बिलों का भुगतान नहीं कर रहे हैं। इसलिए ऐसा कदम उठाना पड़ा है।

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
जम्मू: गर्मियों में पूरे प्रदेश में मांग के अनुसार बिजली आपूर्ति करने पर हाथ खड़े कर देने वाले बिजली विभाग ने अब तुगलकी फरमान जारी कर उपभोक्ताओं को अपने पोस्ट पेड स्मार्ट मीटर प्रीपेड में न बदलने की स्थिति में बिजली आपूर्ति बंद कर देने की धमकी दी है। इसके अलावा बिजली विभाग ने जम्मू के हजारों उपभोक्ताओं के पोस्ट पेड मीटरों को खुद ही प्रीपेड मीटरों में बदल कर चौंका दिया है।
कश्मीर में बिजली आपूर्ति करने वाले केपीडीसीएल ने कश्मीर के करीब 57000 स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को पहले चरण में प्रीपेड में चले जाने के लिए कहा है। विभाग का कहना है कि लगभग 10 हजार उपभोक्ता बिजली के बिलों का भुगतान नहीं कर रहे हैं। इसलिए ऐसा कदम उठाना पड़ा है।
जेपीडीसीएल विभाग इस सवाल का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहा है कि जम्मू में ऐसा कदम उठाने के पीछे क्या मजबूरी थी। विभाग का कहना है कि ऊपर से निर्देश है कि पूरे प्रदेश में बिजली अब सिर्फ प्रीपेड ही मिला करेगी। रोचक तथ्य यह है कि जम्मू संभाग में खासकर शहर में हजारों उपभोक्ताओं के कनेक्शनों को 19 जून से ही प्रीपेड में बदल दिया गया है और उन्हें कुछ दिनों की मोहलत देते हुए प्रीपेड मीटरों को रिचार्ज करवाने के लिए कहा गया है।
पिछले तीन सालों से पूरे प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं और इन्हें लगाने के बाद 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने के अपने वादों से ही विभाग कई बार मुकर चुका है। हर वायदे को तोड़ने के साथ ही वह यह दलील देता आया है कि उसके पास बिजली नहीं है और महंगी बिजली खरीदने के लिए उसके पास पैसा नहीं है।
बता दें कि गर्मी के दौरान पूरे प्रदेश में बिजली की मांग कई गुना बढ़ जाती है। केंद्र शाषित प्रदेश में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से कई बदलाव हुए हैं। कश्मीर में बिजली की आपूर्ति का जिम्मा केपीडीसीएल के पास है।