जम्मू-कश्मीर: नीति आयोग के सदस्य का विवादित बयान, कहा- गंदी फिल्में देखने के लिए होता है इंटरनेट का इस्तेमाल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 19, 2020 15:40 IST2020-01-19T15:40:11+5:302020-01-19T15:40:11+5:30

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कश्मीर घाटी में आम आदमी और मीडिया के लिए इंटरनेट सेवाएं बहाल नहीं करने का कारण राष्ट्र विरोधी तत्वों और आतंकवादियों द्वारा इसके संभावित दुरूपयोग को बताया है

Jammu and Kashmir: disputed statement of NITI Aayog member VK Saraswat, said- Internet is used to watch dirty movies | जम्मू-कश्मीर: नीति आयोग के सदस्य का विवादित बयान, कहा- गंदी फिल्में देखने के लिए होता है इंटरनेट का इस्तेमाल

जम्मू-कश्मीर: नीति आयोग के सदस्य का विवादित बयान, कहा- गंदी फिल्में देखने के लिए होता है इंटरनेट का इस्तेमाल

Highlightsवे सोशल मीडिया का इस्तेमाल आग की तरह करना चाहते हैं। अगर कश्मीर में इंटरनेट न हो तो क्या फर्क पड़ता है?

नीति आयोग के एक सदस्य वीके सारस्वत ने जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बैन पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट का इस्तेमाल 'गंदी फिल्में' देखने में होता था। सारस्वत ने कहा कि आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बैन होने से अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। मालूम हो कि अगस्त में आर्टिकल 370 को हटाने के बाद कश्मीर के अधिकतर इलाकों में इंटरनेट बैन कर दिया गया। 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सारस्वत ने कहा कि कश्मीर मे राजनेता क्यों जाना चाहते हैं? वे दिल्ली की सड़कों पर हो रहे विरोध-प्रदर्शनों की तरह कश्मीर में भी करवाना चाहते हैं। वे सोशल मीडिया का इस्तेमाल आग की तरह करना चाहते हैं। अगर कश्मीर में इंटरनेट न हो तो क्या फर्क पड़ता है? आप वहां इंटरनेट पर क्या देखते हैं? उन्होंने कहा कि गंदी फिल्में देखने के अलावा, आप वहां कुछ भी नहीं करते हैं।


वहीं, जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कश्मीर घाटी में आम आदमी और मीडिया के लिए इंटरनेट सेवाएं बहाल नहीं करने का कारण राष्ट्र विरोधी तत्वों और आतंकवादियों द्वारा इसके संभावित दुरूपयोग को बताया है। इस बीच, यहां शहर में सरकार संचालित मीडिया सेंटर में बुधवार को उस वक्त भावुक दृश्य देखने को मिला, जब मलेशियाई पर्यटकों के एक समूह को यहां आने के बाद से पहली बार इंटरनेट सेवाओं तक पहुंच मिली। वे 11 जनवरी से कश्मीर की यात्रा पर हैं। उन्हें एक स्थानीय टूर ऑपरेटर मीडिया सेंटर लेकर आया था।

केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने 10 जनवरी को जारी उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन करते हुए मंगलवार शाम जम्मू संभाग के पांच जिलों में टूजी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं और पोस्टपेड कनेक्शन बहाल करने का आदेश दिया। साथ ही, जम्मू और कश्मीर संभागों में अस्पतालों, बैंकों और होटलों जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले संस्थानों में ब्रॉडबैंड सेवाएं बहाल की गई हैं। प्रधान सचिव (गृह) शालीन काबरा ने मंगलवार देर शाम यह आदेश जारी किया।

 हालांकि, कश्मीर संभाग के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल नहीं की गई। आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा डेटा सेवाओं के दुरूपयोग से बड़े पैमाने पर हिंसा होने और लोक व्यवस्था में खलल पड़ने की संभावना है, जो कि अब तक विभिन्न एहतियाती उपायों के चलते बरकरार है। 
 

Web Title: Jammu and Kashmir: disputed statement of NITI Aayog member VK Saraswat, said- Internet is used to watch dirty movies

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