जम्मू-कश्मीर: कोरोना बना छात्रों के लिए सिरदर्द, 6 दिनों से 2 जी इंटरनेट भी बंद, ऑनलाइन पढ़ाई ठप

By सुरेश एस डुग्गर | Published: May 11, 2020 05:12 PM2020-05-11T17:12:42+5:302020-05-11T17:12:42+5:30

करीब 6 दिन हो गए हैं हिज्ब कमांडर रियाज नायकू की मौत के बाद से कश्मीर में इंटरनेट को बंद रखा गया है। अधिकारी कहते हैं कि इसे फिर से आरंभ करने के लिए फिलहाल वे परिस्थितियों का आकलन कर रहे हैं।

Jammu and Kashmir: Corona becomes a headache for students, 2G internet is also closed for 6 days, online studies stalled | जम्मू-कश्मीर: कोरोना बना छात्रों के लिए सिरदर्द, 6 दिनों से 2 जी इंटरनेट भी बंद, ऑनलाइन पढ़ाई ठप

जम्मू-कश्मीर: कोरोना बना छात्रों के लिए सिरदर्द, 6 दिनों से 2 जी इंटरनेट भी बंद, ऑनलाइन पढ़ाई ठप

Highlightsनायकू की मौत के बाद कश्मीर ‘जल’ रहा है ठीक उसी प्रकार से जिस प्रकार बुरहान वानी की मौत के बाद जला था। इंटरनेट अभी भी प्रशासन की नजर में उसके लिए खतरा बना हुआ है।

जम्मू: कोरोना के कारण जो लाखों छात्र स्कूलों में पढ़ाई से वंचित हुए उनकी पढ़ाई की खातिर सारे देश की तरह जम्मू कश्मीर में भी ऑनलाइन पढ़ाई की शुरूआत तो हुई पर वह छात्रों के लिए सिरदर्द बन चुकी है। कारण स्पष्ट है। पहले से ही 2 जी नेटवर्क पर वे न ही कुछ डाउनलोड कर पा रहे थे और अब तो पिछले 6 दिनों से कश्मीर में इंटरनेट सुन्न है। उसे कब चालू किया जाएगा कोई नहीं जानता।

छात्रों के इस दर्द में जख्मों पर नमक लगाने का काम अब उस आदेश ने भी किया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल प्रदेश में 4 जी सुविधा आरंभ नहीं करने का फैसला सुनाते हुए उन्हीं अधिकारियों को इसके प्रति कोई फैसला लेने का अधिकार दे दिया जा पहले ही इस सुविधा का विरोध कर रहे थे।

करीब 6 दिन हो गए हैं हिज्ब कमांडर रियाज नायकू की मौत के बाद से कश्मीर में इंटरनेट को बंद रखा गया है। अधिकारी कहते हैं कि इसे फिर से आरंभ करने के लिए फिलहाल वे परिस्थितियों का आकलन कर रहे हैं। दरअसल नायकू की मौत के बाद कश्मीर ‘जल’ रहा है ठीक उसी प्रकार से जिस प्रकार बुरहान वानी की मौत के बाद जला था। यह बात अलग है कि इस बार कोरोना के कारण लगाई गई सख्त पाबंदियों और कोरोना के डर के कारण बहुत ही कम कश्मीरी नायकू की मौत के विरोध मे सड़कों पर उतरे थे।

पर इंटरनेट अभी भी प्रशासन की नजर में उसके लिए खतरा बना हुआ है। पहले ही कई महीनों के बाद सारे प्रदेश में इंटरनेट सुविधा बहाल हुई थी जिसे अब 6 दिनों से छिन लिया जा चुका है। इंटरनेट की अनुपस्थिति में सबसे बुरा प्रभाव कोरोना के विरूद्ध जंग लड़ रहे लोगों के कार्य पर पड़ा है तो साथ ही लाखों कश्मीरी छात्र आनलाइन पढ़ाई से भी वंचित हो चुके हैं।

ऐसे में एक अन्य मोर्चा भी कश्मीर में खुला हुआ है जिससे जम्मू कश्मीरवासी पिछले साल 5 अगस्त से ही जूझ रहे हैं। पहले पूरी तरह से संचारबंदी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद प्रदेश मंें इंटरनेट की सुविधा कई महीनों के बाद बहाल तो हुई पर 4 जी के बजाय 2 जी की सुविधा मंे ही लोगों को काम करने पर मजबूर किया जा रहा है।

2 जी की स्पीड में कैसे पढ़ाई की जा रही है इसका उदाहरण देखा जा सकता है कि स्पीड न होने की वजह से बच्चों को आन लाइन पढ़ाई के दौरान टीचरों के चेहरे भयानक नजर आते हैं और वे ऐसे चेहरों के कारण रात को डरने भी लगे हें। ऐसे में कई माता पिता उन्हें अब झाड़ फूंक वाले के पास ले जा रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि वे सभी 2 जी और 4 जी की मांग के बीच फंसे हुए हैं। हालांकि अब तो टीचरों ने भी मांग की है कि अगर सच में आन लाइन पढ़ाई को जारी रखा जाना है तो 4जी की सुविधा बहाल की जाए वरना आनलाइन पढ़ाई को ही ही रोक दिया जाए।

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