जम्मू: आतंकियों ने दहशत फैलाने तथा सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के इरादों से श्रीनगर में सीआरपीएफ के जवानों पर हथगोले से हमला तो किया पर उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई। हालांकि दूसरी ओर सुरक्षाबलों को उस कांग्रेसी नेता को पकड़ने में कामयाबी जरूर मिल गई जिस पर आतंकियों को भगाने में मदद करने का आरोप है।
श्रीनगर के नूरबाग इलाके में आतंकवादियों ने शुक्रवार को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के शिविर पर एक ग्रेनेड फेंका। पुलिस ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों ने सुबह छह बजकर 40 मिनट पर शिविर में ग्रेनेड फेंका। ग्रेनेड शिविर के बाहर फटा।
कांग्रेस नेता गौहर अहमद वानी गिरफ्तार
दूसरी ओर पुलिस ने गुरुवार देर शाम शोपियां जिले में आतंकियों को भगाने के आरोप में कांग्रेस के नेता गौहर अहमद वानी को गिरफ्तार कर लिया है। खबरों के मुताबिक पुलिस को जानकारी मिली थी कि गौहर अहमद वानी ने आतंकियों को भगाने में मदद की थी।
इसके बाद पुलिस ने कांग्रेस सदस्य गौहर वानी को बीते 7 दिसंबर को हिरासत में लिया था। जिसके बाद उनसे पूछताछ की थी। पुलिस ने इस मामले में जांच के बाद गुरुवार देर शाम को आरोपी गौहर अहमद वानी को गिरफ्तार किया है।
पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसी गौहर अहमद वानी से आगे की पूछताछ कर सकती है। हालांकि पुलिस ने अभी इस मामले में सिर्फ कांग्रेस सदस्य गौहर अहमद वानी को गिरफ्तार करने की जानकारी दी है।
पेशे से वकील है गौहर अहमद वानी
पेशे से वकील कांग्रेस नेता गौहर अहमद वानी दक्षिण कश्मीर में इमाम साहब शोपियां के निवासी है। उन्हें गत 7 दिसंबर को आतंकवादियों को भगाते हुए पकड़ा गया था।
दरअसल, कुछ आतंकवादी एक कार में यात्रा कर रहे थे और जब भारतीय सेना के 44 राष्ट्रीय राइफल्स ने को ट्रेंज इलाके के बाबा खदर रामपुरा चौक पर उसे रोका, तो आतंकवादी भाग निकले और कार को परगाचू के पास छोड़ दिया।
सुरक्षाबलों द्वारा पीछा किए जाने पर आतंकवादी कार छोड़कर भाग निकले जबकि गौहर वानी कार से कूद गया था और खुद को पीड़ित बताने का नाटक किया।
आतंकियों के लिए ओवर ग्राउंड वर्कर के तौर पर काम करने का आरोप
बाद में, गौहर से पूछताछ की गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने इस सिलसिले में यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बताया कि कांग्रेस नेता वानी आतंकियों को शरण दे रहा था और उन्हें केंद्र शासित प्रदेश में परिवहन के साधन मुहैया करा रहा था।
जम्मू कश्मीर पुलिस के अनुसार, वह आतंकी संगठनों के लिए ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) के रूप में काम कर रहा था और आतंकवादियों का बचाव करता आया है। घटना के दिन कॉन्ग्रेस नेता आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादियों को भगा रहा था।