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जामिया हिंसाः स्थिति तनावपूर्ण, अपने घर जा रहे हैं छात्र, माहौल ठीक नहीं, जानिए छात्रों ने और क्या कहा

By भाषा | Updated: December 17, 2019 14:02 IST

जामिया के छात्र उमर अशरफ ने कहा, ‘‘मैं अपने परिसर में असुरक्षित महसूस करता हूं और घर जाना चाहता हूं।’’ विश्वविद्यालय के एक गेट के बाहर बैनर लिए हुए अशरफ ने कहा, ‘‘अपने विश्वविद्यालय में सुरक्षित नहीं हूं।’’

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ठळक मुद्देकई छात्रों ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि वे विश्वविद्यालय में मौजूदा हालात से डरे हुए हैं।एक अन्य छात्र ने कहा कि उसने जामिया के शीतकालीन अवकाश की घोषणा करने के बाद शुरुआत में परिसर में ही रहने की योजना बनाई थी।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में रविवार को हुई हिंसा के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और कई छात्र-छात्राएं अपने घरों के लिए निकल रहे हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

जामिया के छात्र उमर अशरफ ने कहा, ‘‘मैं अपने परिसर में असुरक्षित महसूस करता हूं और घर जाना चाहता हूं।’’ विश्वविद्यालय के एक गेट के बाहर बैनर लिए हुए अशरफ ने कहा, ‘‘अपने विश्वविद्यालय में सुरक्षित नहीं हूं।’’ अशरफ उन हजारों छात्रों में से एक है जो रविवार को छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के बाद विश्वविद्यालय परिसर छोड़ रहे हैं। पुलिस रविवार को परिसर में घुस गई और छात्रों पर लाठीचार्ज किया तथा आंसू गैस के गोले छोड़े। बिहार का उसका एक दोस्त भी अपने एक मित्र के घर पर रुकेगा जब तक कि उसका टिकट कंफर्म नहीं हो जाता।

कई छात्रों ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि वे विश्वविद्यालय में मौजूदा हालात से डरे हुए हैं। उत्तर प्रदेश में अपने घर जाने के लिए सामान बांध रहे एक छात्र ने कहा, ‘‘मेरे माता-पिता ने बसों को जलाए जाने और उसके बाद छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई की तस्वीरें टेलीविजन पर देखी।

उन्होंने मुझे फौरन घर लौटने के लिए कहा है और अब मैं घर जाने की तैयारी कर रहा हूं।’’ एक अन्य छात्र ने कहा कि उसने जामिया के शीतकालीन अवकाश की घोषणा करने के बाद शुरुआत में परिसर में ही रहने की योजना बनाई थी लेकिन रविवार की घटनाओं और पुलिस की कार्रवाई को देखते हुए उसने घर जाने का फैसला किया है। एक अन्य छात्रा के माता-पिता इतने डरे हुए हैं कि उन्होंने उसे अपने एक स्थानीय रिश्तेदार के घर जाने के लिए कहा है और वे वहां से उसे लेने आएंगे।

छात्रा ने कहा, ‘‘मेरे माता-पिता कल से पूछ रहे हैं कि क्या विश्वविद्यालय में कोई गोलीबारी हुई या कोई छात्र मरा। हालांकि मैंने उन्हें कहा कि ये सब अफवाहें हैं लेकिन इसके बावजूद वे मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। रविवार रात को उन्होंने मुझे छात्रावास छोड़ने और एक रिश्तेदार के घर जाने को कहा था। वे मुझे वापस घर ले जाने के लिए दिल्ली आ रहे हैं।’’

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ यहां चल रहे विरोध प्रदर्शन के बाद विश्वविद्यालय युद्ध के मैदान में तब्दील हो गया। रविवार को आगजनी और हिंसा की घटनाओं के बाद पुलिसकर्मी विश्वविद्यालय परिसर में घुस आए थे और लाठी चार्ज किया था। विश्वविद्यालय ने पांच जनवरी तक शीतकालीन अवकाश की घोषणा शनिवार को कर दी थी। परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं।

टॅग्स :जामिया मिल्लिया इस्लामियादिल्लीमोदी सरकारनागरिकता संशोधन बिल 2019
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