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Jamia protest: दिल्ली हाई कोर्ट में 15 दिसंबर को हुई हिंसा मामले में 29 अप्रैल को होगी सुनवाई

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 4, 2020 11:46 IST

जामिया व शाहीन बाग में 15 दिसंबर के बाद शुरू हुए प्रदर्शन को लेकर चुनाव आयोग ने दक्षिणपूर्व दिल्ली के डीसीपी चिन्मय बिस्वाल को रविवार को तत्काल प्रभाव से हटा दिया।

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ठळक मुद्देपैम्फलेट में सीएए और एनआरसी के बारे में गलत जानकारी छापी गयी थी जिसके जरिए शरजील इमाम लोगों को भड़का रहा था।जामिया व शाहीन बाग में 15 दिसंबर के बाद शुरू हुए प्रदर्शन को लेकर चुनाव आयोग ने पुलिस अधिकारी का किया तबादला।

दिल्लीहाई कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद जामिया के छात्रों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन के दौरान हिंसा के मामले में सुनवाई को तारीख को आगे बढ़ा दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होगी।

इसके अलावा बता दें कि इस मामले में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार शरजील इमाम से पूछताछ कर रही क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल की टीम के हाथ वह पैम्फलेट लगे हैं जिसके जरिए सर्जिल इमाम मुस्लिम समुदाय को भड़का रहा था। सर्जिल इमाम से पूछताछ के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने वसंत कुंज स्थित उसके फ्लैट और बिहार के उसके घर से उसका डेस्कटॉप, लैपटॉप और पैम्फलेट बरामद किया है।

दरअसल, पैम्फलेट में सीएए और एनआरसी के बारे में गलत जानकारी छापी गयी थी जिसके जरिए शरजील इमाम लोगों को भड़का रहा था। इस पैम्फलेट के जरिये जेएनयू के मुस्लिम छात्रों से अपील की गयी थी की 15 दिसंबर को जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रो द्वारा बुलाये गए प्रोटेस्ट में पहुंचे और दिल्ली में चक्का जाम करें।

जामिया व शाहीन बाग में 15 दिसंबर के बाद शुरू हुए प्रदर्शन को लेकर चुनाव आयोग ने दक्षिणपूर्व दिल्ली के डीसीपी चिन्मय बिस्वाल को रविवार को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। आयोग ने इलाके की मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए यह कदम उठाया।

उल्लेखनीय है कि इलाके के शाहीन बाग और जामिया नगर में इस हफ्ते गोलीबारी की घटनाएं हुई थी। आयोग ने अतिरिक्त डीसीपी (दक्षिणपूर्व) कुमार ज्ञानेश को इलाके का प्रभार संभालने का निर्देश दिया है।

चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘चुनाव आयोग के फैसले के मुताबिक यह अवगत कराया जाता है कि चिन्मय बिस्वाल आईपीएस (2008), डीसीपी (दक्षिणपूर्व) अपने मौजूदा पद से तत्काल प्रभाव कार्यमुक्त समझे जाएं और केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करें।’’

उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति के मद्देनजर, आयोग निर्देश देता है कि कुमार ज्ञानेश, दानिप्स (1997), चिन्मय बिस्वाल आईपीएस से फौरन डीसीपी (दक्षिणपूर्व) का प्रभार अपने हाथों में लें।

टॅग्स :जामिया मिल्लिया इस्लामियादिल्लीहाई कोर्टनागरिकता संशोधन कानून
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