भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल से नहीं मिले जयशंकर, जानिए क्या है कारण

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 21, 2019 13:40 IST2019-12-21T13:40:21+5:302019-12-21T13:40:21+5:30

शीर्ष डेमोक्रेटिक सीनेटर कमला हैरिस ने इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिका की यात्रा पर आए विदेश मंत्री एस. जयशंकर के भारतीय अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल से नहीं मिलने के फैसले को लेकर उनकी निंदा की है।

Jaishankar did not meet Indian-American MP Pramila Jaipal, know what is the reason | भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल से नहीं मिले जयशंकर, जानिए क्या है कारण

जयशंकर ने प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति की बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया था।

Highlightsहैरिस ने ट्वीट किया, ‘‘ किसी अन्य देश की सरकार का संसद को यह बताना गलत है कि कैपिटोल हिल बैठकों में किन सदस्यों को बैठने की अनुमति है।’’उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे खुशी है कि सदन में जयपाल के साथी भी उनके समर्थन में खड़े हैं।’’

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल से मिलने से इनकार कर दिया है।

जयपाल ने अमेरिकी संसद में कश्मीर पर प्रस्ताव लाकर भारत से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में लगाए गए सभी प्रतिबंधों को हटाने का अनुरोध किया था। शीर्ष डेमोक्रेटिक सीनेटर कमला हैरिस ने इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिका की यात्रा पर आए विदेश मंत्री एस. जयशंकर के भारतीय अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल से नहीं मिलने के फैसले को लेकर उनकी निंदा की है।

हैरिस ने ट्वीट किया, ‘‘ किसी अन्य देश की सरकार का संसद को यह बताना गलत है कि कैपिटोल हिल बैठकों में किन सदस्यों को बैठने की अनुमति है। ’’ भारतीय मूल की पहली अमेरिकी सीनेटर हैरिस ने कहा कि वह जयपाल के समर्थन में खड़ी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे खुशी है कि सदन में जयपाल के साथी भी उनके समर्थन में खड़े हैं।’’ उल्लेखनीय है कि ‘वाशिंगटन पोस्ट’ में आई एक खबर में कहा गया था कि जयशंकर ने प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति की बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया था क्योंकि इस बैठक में अन्य सांसदों के साथ जयपाल भी शामिल होने वाली थीं।

इससे पहले, अमेरिकी सीनेटर और राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बनने की दावेदार एलिजाबेथ वारेन ने शुक्रवार को कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी केवल तभी सफल होगी जब सच्ची वार्ता और धार्मिक बहुलतावाद, लोकतंत्र और मानवाधिकार के प्रति साझा सम्मान उसका आधार हों।

उन्होंने कहा कि सांसद प्रमिला जयपाल को ‘‘चुप कराने की कोशिश बहुत ही विचलित’’ करने वाली है। जयपाल ने अमेरिकी संसद में कश्मीर पर प्रस्ताव लाकर जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने के बाद वहां लगाए गए सभी प्रतिबंधों को हटाने का अनुरोध किया था।

जयशंकर ने गुरुवार को भारतीय पत्रकारों के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा था कि इस महीने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में कश्मीर पर लाया गया प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर में हालात का निष्पक्ष चित्रण नहीं करता है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा था, ‘‘ मैं उस प्रस्ताव से अवगत हूं।

मुझे लगता है कि इसमें जम्मू-कश्मीर के हालात को ठीक से समझा नहीं गया। भारत सरकार जो कर रही है उसका निष्पक्ष चित्रण भी नहीं किया गया है और मुझे (जयपाल से) मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं है। ’’ इस बीच, जयपाल ने उन्हें समर्थन देने के लिए सीनेटर हैरिस और वारेन को धन्यवाद दिया। सांसद जिम मैक्गवर्न ने भी जयपाल का समर्थन किया। 

जयशंकर ने गुरुवार को भारतीय पत्रकारों के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा कि इस महीने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में कश्मीर पर लाया गया प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर में हालात का निष्पक्ष चित्रण नहीं करता है। भारत और अमेरिका के बीच दूसरे टू प्लस टू संवाद से जुड़ी जयशंकर की वाशिंगटन डीसी की यात्रा संपन्न हो गई। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मैं उस प्रस्ताव से अवगत हूं। मुझे लगता है कि इसमें जम्मू-कश्मीर के हालात को ठीक से समझा नहीं गया।

भारत सरकार जो कर रही है उसका निष्पक्ष चित्रण भी नहीं किया गया है। और मुझे (जयपाल से) मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि उनकी ऐसे लोगों से मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं है, जिन्होंने अपना मन पहले ही बना लिया है और जो वस्तुस्थिति से अवगत नहीं हैं। जयशंकर ने कहा, “मैं उन लोगों से मिलना चाहता हूं जो निष्पक्ष हैं और चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन उन लोगों से नहीं जो पहले ही अपना मन बना चुके हैं।” अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में पहुंचने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला जयपाल (54) ने इस महीने की शुरुआत में कश्मीर पर प्रस्ताव पेश किया था।

वह इस विषय पर अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की सोच को नजरअंदाज करते हुए प्रस्ताव पेश करने की अपनी पूर्व घोषित योजना पर आगे बढ़ीं। यह प्रस्ताव अभी लंबित है। इसमें उन्होंने भारत से कहा है कि जम्मू-कश्मीर में संचार पर लगी सभी पाबंदियां जल्द से जल्द हटाई जाएं जो पांच अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को रद्द करने के बाद जम्मू-कश्मीर में लगाई गई थीं। इसके अलावा सभी नागरिकों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करने का अनुरोध भी किया गया है।

भारत ने कश्मीर में पाबंदियां लगाने का यह कहते हुए बचाव किया है कि ऐसा पाकिस्तान को आतंकियों और अन्य उपद्रवियों की मदद से यहां और गड़बड़ी फैलाने से रोकने के लिए किया गया है। इससे पहले वाशिंगटन पोस्ट में आई एक खबर में कहा गया था कि जयशंकर ने इस हफ्ते कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्यों के साथ अपनी मुलाकात एकाएक ही रद्द कर दी क्योंकि अमेरिकी सांसदों ने जयपाल को बैठक में शामिल नहीं करने की उनकी मांग खारिज कर दी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि जयशंकर प्रतिनिधि सभा की विदेशी मामलों के अध्यक्ष एलियट एल एंजेल, समिति के शीर्ष रिपब्लिकन सदस्य माइकल मैककौल और अन्य अमेरिकी सांसदों से मिलने वाले थे, जिनमें जयपाल भी शामिल थीं।

वाशिंगटन पोस्ट ने जयपाल के हवाले से कहा, ‘‘यह इस विचार को और भी मजबूत करता है कि भारत सरकार असहमति की किसी आवाज को बिलकुल नहीं सुनना चाहती।’’ जयपाल ने कहा कि कश्मीर पर अपने प्रस्ताव को वह इस हफ्ते ही आगे बढ़ाना चाहती थीं लेकिन उनसे जयशंकर से मुलाकात तक रुकने को कहा गया था। लेकिन अब जनवरी में वह इसके लिए नए सिरे से दबाव बनाएंगी। रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘‘मेरे समर्थकों को मानवाधिकार हालात, बिना आरोप हजारों लोगों को हिरासत में लेने और संचार ठप होने से दैनिक दिनचर्या में आने वाली मुश्किलों की चिंता है।’’

कांग्रेस के एक सूत्र ने बताया कि यह बैठक इसलिए रद्द हुई क्योंकि विदेशी मामलों की समिति बैठक के बुनियादी नियमों को लगातार बदलती रही और सूची में नित नए सदस्यों को शामिल करती रही। उन्होंने बताया कि बैठक से पहले सूची में जयपाल समेत कई अन्य सांसदों को शामिल किया गया, जिन्हें भारत का आलोचक माना जाता है और जो कश्मीर पर प्रस्ताव के प्रायोजक हैं।

 

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