अडानी द्वारा एनडीटीवी के अधिग्रहण के प्रयास को कांग्रेस ने बताया बेशर्मी भरा कदम, कहा- मोदी के 'खास दोस्त' की कंपनी का यह प्रयास...
By भाषा | Updated: August 24, 2022 11:25 IST2022-08-24T11:04:43+5:302022-08-24T11:25:12+5:30
अडानी समूह का यह कमद मीडिया परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखता है। देश के सबसे लोकप्रिय समाचार चैनलों में शामिल एनडीटीवी के मालिकों ने कहा कि उन्हें मंगलवार तक इस अधिग्रहण की कोई जानकारी नहीं थी और यह बिना किसी चर्चा या सहमति के लिया गया निर्णय था।

अडानी द्वारा एनडीटीवी के अधिग्रहण के प्रयास को कांग्रेस ने बताया बेशर्मी भरा कदम, कहा- मोदी के 'खास दोस्त' की कंपनी का यह प्रयास...
नयी दिल्लीः उद्योगपति गौतम अडानी द्वारा न्यू दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (NDTV) के अधिग्रहण संबंधी खबरों के बीच कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'खास दोस्त' के स्वामित्व वाली कंपनी का यह प्रयास स्वतंत्र मीडिया को नियंत्रित करने और उसे दबाने के लिए उठाया गया एक कदम है।
इस घटनाक्रम पर, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री के 'खास दोस्त' की अत्यधिक ऋणी कंपनी द्वारा एक प्रसिद्ध टीवी न्यूज़ नेटवर्क के द्वेषपूर्ण अधिग्रहण की खबर आर्थिक और राजनीतिक ताकत का केंद्रीकरण है।' उन्होंने कहा कि यह स्वतंत्र मीडिया को नियंत्रित करने और दबाने के लिए उठाया गया बेशर्मी भरा कदम है।
The news of a deeply over-leveraged company owned by the PM’s ‘khaas dost’ making a hostile takeover bid of a well-known TV news network is nothing but concentration of economic and political power, and a brazen move to control and stifle any semblance of an independent media.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 24, 2022
अडानी समूह ने पहले प्रतिद्वंद्वी उद्योगपति मुकेश अंबानी से पूर्व में जुड़ी एक कंपनी (VPCL) का अधिग्रहण किया था। इस कंपनी ने 2008-09 में एनडीटीवी को 250 करोड़ रुपये का ऋण दिया था। अडानी समूह की कंपनी ने इस ऋण को अब समाचार चैनल में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी में बदलने के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया है। समूह ने मंगलवार को बयान में कहा कि इसी के साथ उसने एनडीटीवी में 26 प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिये 493 करोड़ रुपये की खुली पेशकश की है।
अडानी समूह का यह कमद मीडिया परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखता है। देश के सबसे लोकप्रिय समाचार चैनलों में शामिल एनडीटीवी के मालिकों ने कहा कि उन्हें मंगलवार तक इस अधिग्रहण की कोई जानकारी नहीं थी और यह बिना किसी चर्चा या सहमति के लिया गया निर्णय था।