रतलाम स्टेशन पर जब 12 साल पहले मध्य प्रदेश एसटीएफ से हुई थी आतंकियों की भिड़ंत
By राजेश मूणत | Updated: April 1, 2022 20:12 IST2022-04-01T20:09:46+5:302022-04-01T20:12:25+5:30

रतलाम में पहले भी सक्रिय रहे हैं आतंकी (फाइल फोटो)
रतलाम: राजस्थान के जयपुर शहर को सीरियल ब्लास्ट से दहलाने की साजिश मामले में ये बात सामने आई है कि गिरफ्तार तीन आरोपी मध्य प्रदेश के रतलाम को मुख्यालय बनाकर आतंकी गतिविधियों को संचालित कर रहे थे। इस पूरे वाकये ने करीब 12 साल पुरानी घटना को भी चर्चा में ला दिया है।
2010 में रतलाम का नाम आया था सुर्खियों में
आतंकी गतिविधियों के साये में रतलाम का नाम साल 2010 मे तब भी सुर्खियों में आया था जब सिमी के आतंकियों की मध्य प्रदेश एसटीएफ से रतलाम रेलवे स्टेशन पर आमने- सामने भिड़ंत हो गई थी. इस भिड़ंत मे एसटीएफ के जवान शिवप्रतापसिंह की गोली लगने से मृत्यु हो गई थी। इस घटना मे एसटीएफ के ग्रुप इंचार्ज इंस्पेक्टर मनीष दुबे को हाथ मे गोली लगी थी।
इस भिड़ंत मे सिमी आतंकी जाकिर निवासी खंडवा एवं फरहत निवासी खंडवा शामिल थे। वारदात मे जाकिर को भी गोली लगी थी। लेकिन ये दोनों ऑटो से फरार हो रहे थे कि अचानक महू रोड़ स्थित पलास होटल के सामने पुलिस उप महानिरीक्षक रतलाम रेंज कार्यालय मे तैनात आरक्षक अब्दुल पठान, रितेश नागर, बजरंग माली, सुरेंद्र यादव और ट्रैफिक थाने के जवान कृपा शंकर कटियार ने बहादुरी दिखाते हुए इन हथियारबंद आतंकियों मे से एक जाकिर का सामना किया और उसे धर दाबोचा था।
फरार दूसरा आतंकी भी पकड़ा गया
जाकिर की गिरफ्तारी के बाद एक अन्य टीम बनाकर आतंकी फरहत को भी पकड़ लिया गया था। एसटीएफ के जवान शिवप्रतापसिंह की वीरगति ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया था। बाद मे इस मामले मे शहर के तीनों थानों में करीब 8 से 10 मामले दर्ज हुए थे। लेकिन यह बेहद अफसोसजनक रहा की इन मामलों मे कई अभियुक्तों को सजा नहीं मिल पाई थी।
इस मामले मे सिमी आतंकी एहलेहदीस मस्जिद में धार्मिक गतिविधियों मे शामिल होते थे। इस मामले में एहले हदीस मस्जिद का तत्कालीन इमाम मुमताज भी आरोपी बना था।