बांध निर्माण पर निर्णय करना प्राधिकारियों का काम: न्यायालय ने मेकेदातु में प्रस्तावित जलाशय के खिलाफ अर्जी पर कहा

By भाषा | Updated: December 17, 2021 19:23 IST2021-12-17T19:23:32+5:302021-12-17T19:23:32+5:30

It is the work of the authorities to decide on the construction of the dam: the court said on the application against the proposed reservoir in Mekedatu | बांध निर्माण पर निर्णय करना प्राधिकारियों का काम: न्यायालय ने मेकेदातु में प्रस्तावित जलाशय के खिलाफ अर्जी पर कहा

बांध निर्माण पर निर्णय करना प्राधिकारियों का काम: न्यायालय ने मेकेदातु में प्रस्तावित जलाशय के खिलाफ अर्जी पर कहा

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि किसी बांध के निर्माण के बारे में निर्णय करना प्राधिकारियों का काम है। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही मेकेदातु में एक जलाशय के प्रस्तावित निर्माण से संबंधित मुद्दे उठाने वाले याचिकाकर्ता से कहा कि वह प्राधिकारियों को ‘‘एक स्मरणपत्र भेजकर’’ अपने अभ्यावेदन पर तेजी से विचार करने का आग्रह करे।

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार को कोई अभ्यावेदन दिया है। याचिकाकर्ता ने पीठ को बताया कि उसने केंद्र के साथ-साथ राज्यों तमिलनाडु और कर्नाटक को भी अभ्यावेदन भेजा था, लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला।

पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता ने जनवरी 2021 में इस रिट याचिका के विषय वस्तु के संबंध में विभिन्न प्राधिकारियों को अभ्यावेदन दिया है। याचिकाकर्ता संबंधित प्राधिकारियों को उस अभ्यावेदन पर शीघ्रता से विचार करने के लिए स्मरणपत्र भेज सकता है।’’

पीठ ने याचिका का निस्तारण करते हुए अपने आदेश में कहा, ‘‘इस तरह के अनुरोध प्राप्त होने पर, संबंधित प्राधिकारियों को याचिकाकर्ता को अभ्यावेदन के परिणाम के बारे में जवाब देना चाहिए, अच्छा हो यदि यह जवाब ऐसा अभ्यावेदन प्राप्त होने से तीन महीने के भीतर दिया जाए।’’

इससे पहले, तमिलनाडु सरकार ने कर्नाटक को अंतर-राज्यीय कावेरी नदी पर मेकेदातु में एक जलाशय के प्रस्तावित निर्माण संबंधी किसी गतिविधि पर आगे बढ़ने से रोकने के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था।

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि बांध कहां बनाया जाए, यह फैसला अदालत नहीं कर सकता।

पीठ ने कहा, ‘‘अधिकारी यह तय करेंगे। यह हमारा काम नहीं है। पहले उन्हें एक फैसला लेना होगा। यदि वह फैसला अवैध होगा तो हम हस्तक्षेप करेंगे, अन्यथा नहीं।’’

याचिकाकर्ता ने इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं। याचिकाकर्ता ने एक याचिका में कहा था कि मेकेदातु में जलाशय के प्रस्तावित निर्माण से कावेरी नदी पर प्रतिकूल रूप से और भी प्रभाव पड़ेगा जो पहले से ही प्रतिकूल रूप से प्रभावित है।

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Web Title: It is the work of the authorities to decide on the construction of the dam: the court said on the application against the proposed reservoir in Mekedatu

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