"मुख्यमंत्री का संवैधानिक कर्तव्य है मुझे अपडेट करना", राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सीएम विजयन के बयान पर कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 3, 2023 10:27 AM2023-10-03T10:27:45+5:302023-10-03T10:44:41+5:30

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री विजयन के व्यवहार पर चिंता जताते हुए कहा कि वो उन्हें नियमित रूप से सरकारी गतिविधियों पर अपडेट नहीं देते हैं, जो कि मुख्यमंत्री का राज्यपाल के प्रति संवैधानिक कर्तव्य है।

"It is the constitutional duty of the Chief Minister to update me", Governor Arif Mohammad Khan said on CM Vijayan's statement | "मुख्यमंत्री का संवैधानिक कर्तव्य है मुझे अपडेट करना", राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सीएम विजयन के बयान पर कहा

फाइल फोटो

Highlightsकेरल में फिर ठनी राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन में राज्यपाल खान ने कहा कि सीएम विजयन नियमित रूप से उन्हें अपडेट नहीं करते हैंराज्यपाल खान ने विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों पर हस्ताक्षर करने से कर दिया है इनकार

तिरुवनंतपुरम: केरल में बीते कुछ समय से चल रहे राज्यपाल बनाम मुख्यमंत्री विवाद में एक नया मोड़ उस समय आ गया, जब राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों पर उनके हस्ताक्षर से इनकार करने के मामले को सर्वोच्च न्यायालय में ले जाने के मसले पर कहा कि मुख्यमंत्री राज्य सरकार की ओर से उन्हें कोई अपडेट नहीं देते हैं, जबकि यह उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वो राज्य से संबंधित हर मसले को उनके सामने रखें।

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री विजयन के व्यवहार पर चिंता जताते हुए कहा कि वो उन्हें नियमित रूप से सरकारी गतिविधियों पर अपडेट नहीं देते हैं, जो कि मुख्यमंत्री का राज्यपाल के प्रति संवैधानिक कर्तव्य है।

दरअसल मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा विधानसभा में पारित किये गये विधेयकों पर हस्ताक्षर करने से इनकार किये जाने को मुद्दा बनाते हुए कहा कि इससे राज्य के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं, इसलिए राज्य मामले को सर्वोच्च न्यायालय में ले जाएगी।

सीएम विजयन से पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सरकार द्वारा विस्तृत विचार-विमर्श के बाद विधानसभा द्वारा पारित किए गए आठ विधेयकों को संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजे गये थे लेकिन वो उन विधेयकों पर दस्तखत नहीं कर रहे हैं।

वहीं गवर्नर खान ने इस विषय पर कहा, "यह मुख्यमंत्री का संवैधानिक कर्तव्य है कि वह मुझे नियमित रूप से अपडेट करें। वह राजभवन नहीं आते हैं। मैंने जो भी प्रश्न उठाए हैं, उनका उत्तर नहीं दिया गया है। यदि आप मेरे द्वारा उठाए गए प्रश्नों का उत्तर नहीं देंगे, तो भला आप कैसे मुझसे किसी भी तरह की कार्रवाई की उम्मीद करते हैं? यह मंत्रियों का नहीं है बल्कि मुख्यमंत्री का कर्तव्य है कि वे न केवल आएं और मेरे द्वारा उठाए गए प्रश्नों के बारे में बताएं और जो कुछ हो रहा है, उसके बारे में मुझे नियमित रूप से अपडेट करें।''

इसके अलावा राज्यपाल आरिफ खान ने कुलपतियों की नियुक्ति का जिक्र करते हुए विजयन सरकार पर आरोप लगाया कि वह उनसे ऐसे फैसले कराना चाहते हैं, जो कानून के विपरीत हैं।

उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई फैसलों में यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार का कुलपति की नियुक्ति से कोई लेना-देना नहीं है। मेरे पास जो बिल आया है, उसमें वे कुलपति की नियुक्ति के लिए अधिकार अपने पास लेना चाहते हैं। क्या वो ऐसा चाहते हैं कि मैं कानून के विरुद्ध कुछ करूं? भला यह कैसे संभव है।”

राज्यपाल खान ने यह भी कहा कि हमारा तंत्र इस तथ्य से अवगत है कि हर सरकार एक पार्टी द्वारा बनाई जाती है और पार्टियां पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करती हैं।

उन्होंने कहा, ''इसलिए शपथ ली जाती है कि सरकार पक्षपातपूर्ण व्यवहार नहीं करेंगे। दुर्भाग्य से लोग शपथ की उन पंक्तियों को याद नहीं रखते हैं, जिससे वो बंधे हैं।''

वहीं मुख्यमंत्री विजयन ने कहा, "संविधान के अनुसार विधानसभा द्वारा विधेयक पारित किए जाने के बाद राज्यपाल उन पर दस्तखत करने में अनावश्यक देरी नहीं कर सकते हैं।"

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