देश के महान नायकों के बलिदानों के बारे में जानना आवश्यक : अजय देवगन

By भाषा | Updated: August 14, 2021 16:33 IST2021-08-14T16:33:37+5:302021-08-14T16:33:37+5:30

It is necessary to know about the sacrifices of the great heroes of the country: Ajay Devgan | देश के महान नायकों के बलिदानों के बारे में जानना आवश्यक : अजय देवगन

देश के महान नायकों के बलिदानों के बारे में जानना आवश्यक : अजय देवगन

मुंबई, 14 अगस्त दिग्गज अभिनेता अजय देवगन का कहना है कि उनकी आगामी फिल्म ‘भुज : द प्राइड ऑफ इंडिया’ देश के लिए किए गए महान बलिदानों की अनसुनी कहानी को दर्शकों के सामने प्रस्तुत करने की एक कोशिश है। अभिषेक दुधैया द्वारा निर्देशित इस फिल्म की कहानी 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध से जुड़ी हुई है।

यह फिल्म बहादुरी, देशभक्ति और संकल्पशक्ति से जुड़ी एक सच्ची कहानी पर आधारित है। फिल्म में दिखाया गया है कि 1971 में भारतीय वायु सेना के भुज स्थित हवाई अड्डे के प्रभारी स्कवॉड्रन लीडर विजय कार्णिक किस तरह से चुनौतियों का सामना करते हुए माधापुर के एक गांव की करीब 300 महिलाओं की मदद से पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी हवाई पट्टी का पुनर्निर्माण करते हैं। फिल्म में विजय कार्णिक की भूमिका में अजय दिखाई देंगे।

अजय के मुताबिक देश के लोग युद्ध के दौरान अनगिनत नायकों द्वारा दिए गए बलिदानों से अनजान हैं, जोकि बड़े ही अफसोस की बात है। अभिनेता ने कहा कि इस फिल्म की कहानी सुनने से पहले उन्हें भी भुज की सच्ची घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

अजय देवगन ने पीटीआई-भाषा को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘हमारे देश के साथ यही समस्या है कि हम लोग ऐसे महान बलिदानों के बारे में कुछ भी नहीं जानते। इससे जुड़ी जानकारी हमारी इतिहास की किताबों में भी मौजूद नहीं है।’’

52 वर्षीय अभिनेता ने कहा, ‘‘यदि हम अपने देश के नायकों और उनके बलिदानों के बारे में बात नहीं करेंगे, तब हम अपने देश से कैसे प्यार कर सकते हैं?’’

अजय ने कहा कि दर्शकों के लिए अपने देश के इतिहास के बारे में जानना बहुत ही जरूरी है, विशेष रूप से कड़े संघर्ष के बाद हासिल की गयी स्वतंत्रता के बारे में।

अभिनेता ने कहा, ‘‘लोगों को इस कहानी के बारे में अवश्य जानना चाहिए, क्योंकि जब आप मुश्किलों का सामना करने के बाद कुछ हासिल करते हैं, तो उसे अपने नजदीक रखते हैं। यदि लोगों को इन बलिदानों के बारे में पता चलेगा तो उन्हें वास्तविक रूप से बोध होगा कि हम आज यहां क्यों हैं। यदि इससे थोड़ा भी प्रभाव पड़ता है तो बड़ी बात होगी। ’’

फिल्म में अजय देवगन के अलावा संजय दत्त, सोनाक्षी सिन्हा, ऐमी विर्क, नोरा फतेही और शरद केलकर ने भी अहम भूमिका निभाई है।

अभिनेता ने कहा, ‘‘यह फिल्म केवल एक व्यक्ति की नहीं बल्कि उन 300 महिलाओं की भी कहानी है, जो किसी सशस्त्र बल का हिस्सा नहीं थीं। उन महिलाओं ने हवाई पट्टी बनाने के लिए अपने घरों तक को तोड़ा, मेरा मानना है कि यह एक बहुत ही शानदार कहानी है।’’

ऐतिहासिक विषयों पर बनने वाली फिल्मों के जरिए अंधराष्ट्रभक्ति को बढ़ावा देने के सवाल पर अभिनेता ने कहा, ‘‘ऐसी फिल्मों में हमारी कोशिश होती है कि पात्रों और पटकथा को विशुद्ध रूप से वास्तविक रखा जाए। ऐसी फिल्में बनाते समय आपको अपनी सीमाओं के बारे में पता होना चाहिए। हमारी फिल्म में अंधराष्ट्रभक्ति को बढ़ावा नहीं दिया गया है। न ही ‘तान्हाजी’ में ऐसा था।

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