इसरो का EOS-03 सेटेलाइट लॉन्च फेल, उड़ान के बाद क्रायोजेनिक चरण में गड़बड़ी से हुआ मिशन असफल
By विनीत कुमार | Published: August 12, 2021 07:29 AM2021-08-12T07:29:32+5:302021-08-12T08:07:57+5:30
इसरो के GSLV-F10/EOS-03 मिशन को उस समय धक्का पहुंचा जब सफलतापूर्वक लिफ्ट के बाद उससे आंकड़े मिलने बंद हो गए। बाद में इसरो ने बताया कि मिशन असफल हो गया है।
चेन्नई: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के इस साल के दूसरे मिशन को धक्का पहुंचा है। इस मिशन के तहत जीएसएलवी रॉकेट के जरिए एक अर्थ ऑव्जरवेशन सेटेलाइट को स्पेस में स्थापित करना था। हालांकि, क्रायोजेनिक चरण में इसमें कुछ खराबी आ गई और ये सफल नहीं हो सका। इसरो की ओर से गुरुवार सुबह इस संबंध में जानकारी दी गई।
इसरो के मुताबिक 51.70 मीटर लंबे रॉकेट GSLV-F10/EOS-03 ने चेन्नई से करीब 100 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से सफलतापूर्वक उड़ान शरू की थी। इसे योजना के तहत 26 घंटे के काउंटडाउन के पूरा होने के बाद सुबह 5.43 बजे लॉन्च किया गया था।
रॉकेट के लिफ्ट के बाद सामने आई गड़बड़ी
रॉकेट के लिफ्ट के बाद वैज्ञानिकों ने इसे नॉर्मल लिफ्ट बताया। इसकों के अनुसार रॉकेट पहले और दूसरे चरण तक सामान्य तरीके से व्यवहार कर रहा था। हालांकि कुछ ही मिनटों के बाद वैज्ञानिकों को सिग्नल और आंकड़े मिलने बंद हो गए।
GSLV-F10 launch took place today at 0543 Hrs IST as scheduled. Performance of first and second stages was normal. However, Cryogenic Upper Stage ignition did not happen due to technical anomaly. The mission couldn't be accomplished as intended: ISRO
— ANI (@ANI) August 12, 2021
इसके बाद ये मिशन कंट्रोल सेंटर में रेंज ऑपरेशन डायरेक्टर की ओर से घोषणा की गई कि मिशन पूरी तरह से सफल नहीं हो सका। बाद में इसरो के चेयरमैन के सिवन ने कहा, 'मिशन पूरी तरह से सफल नहीं हो सका क्योंकि क्रायोजेनिक चरण में कुछ तकनीकी खामियां सामने आ गईं। मैं अपने दोस्तों से यही कहना चाहता हूं।'
इसरो के GSLV-F10 EOS 03 की सफलता से होते ये फायदे
इसरो के इस मिशन का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं आदि की निगरानी सहित कृषि, वन, जल निकायों पर नजर रखना था। साथ ही आपदा की चेतावनी, चक्रवात, बादल फटने या बिजली गिरने जैसी घटनाओं की निगरानी भी इस मिशन का उद्देश्य थी।
इससे पहले इसी साल इसरो ने फरवरी में ब्राजील के अर्थ ऑव्जरवेशन सेटेलाइन अमेजोनिया-1 सहित 18 और उपग्रहों को लॉन्च किया था। आज के रॉकेट लॉन्च की योजना भी पहले अप्रैल या मई में थी। हालांकि, इसरो को इसे टालना पड़ा था।