चंद्रयान-2ः इसरो और भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को था हमारे मिशन की सफलता का इंतजार
By भाषा | Updated: July 22, 2019 19:54 IST2019-07-22T19:54:22+5:302019-07-22T19:54:22+5:30
इसरो प्रमुख के सिवन ने कहा कि मिशन की सफलता वैज्ञानिक प्रयोगों के वास्ते दक्षिणी ध्रुव के नजदीक उतरने के लिए चंद्रमा की ओर भारत की ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत है। उन्होंने कहा, ‘‘केवल इसरो और भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया हमारे मिशन की सफलता का इंतजार कर रही थी, जिसे हमने अब हासिल कर लिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह घोषणा करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि जीएसएलवी मार्क ।।। ने चंद्रयान-2 को निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है।’’
भारत के दूसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो प्रमुख के सिवन ने सोमवार को कहा कि केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया इस प्रक्षेपण का इंतजार कर रही थी।
सिवन ने दूसरे चंद्र मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद मिशन नियंत्रण कक्ष में यहां अपने संबोधन में इस सफलता का श्रेय इसरो की पूरी टीम को दिया और कहा, ‘‘पूर्व में आई तकनीकी खामी के बाद हम पुन: रास्ते पर लौट आए। सफलता कुछ खालीपन के बाद मिल रही है।’’
सिवन ने कहा कि एक सप्ताह पहले तकनीकी खामी का पता चलने के बाद पूरी टीम हरकत में आ गई थी। प्रक्षेपण यान को सामान्य बनाने के लिए अगले 24 घंटों में किया गया काम आश्चर्यचकित कर देने वाला था। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह घोषणा करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि जीएसएलवी मार्क ।।। ने चंद्रयान-2 को निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है।’’
ISRO Chief K Sivan: After that technical snag we had, we fixed it & now ISRO has bounced back with flying colours. #Chandrayaan2#ISROhttps://t.co/5Ubd1M9ZbA
— ANI (@ANI) July 22, 2019
इसरो प्रमुख ने कहा कि मिशन की सफलता वैज्ञानिक प्रयोगों के वास्ते दक्षिणी ध्रुव के नजदीक उतरने के लिए चंद्रमा की ओर भारत की ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत है। उन्होंने कहा, ‘‘केवल इसरो और भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया हमारे मिशन की सफलता का इंतजार कर रही थी, जिसे हमने अब हासिल कर लिया है।’’
यह उल्लेख करते हुए कि मिशन अभी पूरा होना बाकी है, सिवन ने कहा कि चंद्रयान-2 की टीम के पास अगले डेढ़ महीने में 15 ‘‘अत्यंत महत्वपूर्ण’’ अभियान चरणों को अंजाम देने की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि उसके बाद वह दिन आएगा जब चांद के दक्षिणी ध्रुव के नजदीक सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए वैज्ञानिकों के समक्ष 15 मिनट की बेहद जटिल चुनौती होगी।
वह मिशन के सर्वाधिक जटिल चरण का जिक्र कर रहे थे जब वैज्ञानिक चंद्रमा की सतह पर रोवर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराएंगे। इसके छह से आठ सितंबर के बीच होने की उम्मीद है। पिछले डेढ़ साल से दिन-रात मेहनत कर रही चंद्रयान-2 की टीम को श्रेय देते हुए सिवन ने कहा कि मिशन की सफलता के लिए काम करने वाले सभी लोगों को ‘‘नमन’’ करना उनका कर्तव्य है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अंतरिक्ष एजेंसी ‘कार्टोसैट 3’ सहित आगामी मिशनों के लिए हमेशा की तरह एकजुट होकर काम करेगी।