INX MEDIA: विदेश भाग सकते हैं पी चिदंबरम, CBI ने जमानत अर्जी का किया विरोध, कहा- गंभीर अपराध के आरोपी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 28, 2019 02:59 PM2019-09-28T14:59:28+5:302019-09-28T14:59:28+5:30

सीबीआई ने दलील दी कि वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के पास किसी दूसरे देश में अनिश्चतकाल तक समय बिताने के लिहाज से संसाधन हैं और मुकदमा पूरा होने तक उन्हें जमानत पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था।

INX MEDIA: P Chidambaram may flee abroad, CBI opposes bail application, says- accused of serious crime | INX MEDIA: विदेश भाग सकते हैं पी चिदंबरम, CBI ने जमानत अर्जी का किया विरोध, कहा- गंभीर अपराध के आरोपी

उन्होंने कहा कि चिदंबरम की ओर से सोशल मीडिया पर कई ट्वीट किये गये हैं।

Highlightsन्यायमूर्ति सुरेश कैत ने चिदंबरम और सीबीआई के वकीलों को विस्तार से सुनने के बाद 74 वर्षीय पूर्व केंद्रीय मंत्री की जमानत संबंधी अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आर्थिक अपराध देश की वित्तीय स्थिरता को प्रभावित करते हैं।

सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि गंभीर अपराध के आरोपी होने व दोषिसिद्धी की संभावना का आभास होने की वजह से उनके देश छोड़कर जाने का खतरा है।

सीबीआई ने दलील दी कि वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के पास किसी दूसरे देश में अनिश्चतकाल तक समय बिताने के लिहाज से संसाधन हैं और मुकदमा पूरा होने तक उन्हें जमानत पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था।

न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने चिदंबरम और सीबीआई के वकीलों को विस्तार से सुनने के बाद 74 वर्षीय पूर्व केंद्रीय मंत्री की जमानत संबंधी अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आर्थिक अपराध देश की वित्तीय स्थिरता को प्रभावित करते हैं और चिदंबरम को जमानत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि एजेंसी ने उनसे हिरासत में पूछताछ के दौरान उनके सामने सबूत रखे और यदि उन्हें छोड़ा जाता है तो वह गवाहों को प्रभावित करेंगे।

उन्होंने कहा कि चिदंबरम की ओर से सोशल मीडिया पर कई ट्वीट किये गये हैं। मेहता ने दलील दी, ‘‘एक और मुद्दा चिदंबरम द्वारा सोशल मीडिया के इस्तेमाल से जुड़ा है। उनके ट्वीट करने की बात सामने आती है या कोई और उनकी ओर से ट्वीट कर रहा है। यह मामला जांच को और प्रभावित करने की कोशिश दर्शाता है।

प्रभावशाली लोग ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर अपने खिलाफ कार्यवाही को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं।’’ सुनवाई की शुरुआत में चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें अपने मुवक्किल से निर्देश मिले हैं कि वित्त मंत्री के पास सैकड़ों लोग आते हैं और उन्हें आईएनएक्स मीडिया से संबंधित प्रतिनिधिमंडल के बारे में कुछ याद नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं (चिदंबरम) कभी कहीं इंद्राणी मुखर्जी से नहीं मिला। लॉग बुक में आगंतुकों के प्रवेश की जानकारी होगी। मैं लॉग बुक को मानूंगा।’’ मेहता ने कहा कि चिदंबरम ने इंद्राणी से मुलाकात की थी और जांच के दौरान उन्हें पता चला कि वित्त मंत्री के दफ्तर का आगंतुक रजिस्टर उपलब्ध नहीं है तथा उसे हटा दिया गया है। लेकिन उनके पास उस कार की जानकारी है जिससे इंद्राणी और उसके पति पीटर होटल से चिदंबरम के दफ्तर गये थे। उन्होंने कहा कि जमानत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि मामला आरोपपत्र से पूर्व के स्तर पर है और जांच जारी है।

उन्होंने चिदंबरम को अग्रिम जमानत नहीं देने के उच्चतम न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेशों का जिक्र किया। मेहता ने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कह रहा कि चिदंबरम जिम्मेदार और सम्मानित व्यक्ति नहीं हैं। जमानत पर गायब हो जाने के खतरे का व्यक्ति की व्यक्तिगत ईमानदारी से कोई लेनादेना नहीं है। बड़े कारोबार चलाने वाले सम्मानजनक और जिम्मेदार लोगों के देश से भाग जाने के उदाहरण रहे हैं।’’ पहले चिदंबरम के वकील ने कहा था कि यह देश से बाहर धन लेकर जाने का या किसी बैंक को धोखा देने का मामला नहीं है।

बल्कि इसमें पैसा आया और यह आर्थिक अपराध नहीं है, जैसा कि एजेंसी ने आरोप लगाया। चिदंबरम ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने निजी फायदों के लिए वित्त मंत्री के प्रभावशाली पद का दुरुपयोग किया। सीबीआई ने 15 मई 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी जिसमें 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी धन राशि लेने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को एफआईपीबी मंजूरी दिए जाने में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है। 2007 में चिदंबरम वित्त मंत्री थे। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने 2017 में इस संबंध में धन शोधन का एक मामला दर्ज किया। 

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