जांच एजेंसियां भी न्यायपालिका की तरह श्रमशक्ति की कमी का सामना कर रही हैं : न्यायालय

By भाषा | Updated: August 25, 2021 22:49 IST2021-08-25T22:49:46+5:302021-08-25T22:49:46+5:30

Investigating agencies are also facing shortage of manpower like judiciary: SC | जांच एजेंसियां भी न्यायपालिका की तरह श्रमशक्ति की कमी का सामना कर रही हैं : न्यायालय

जांच एजेंसियां भी न्यायपालिका की तरह श्रमशक्ति की कमी का सामना कर रही हैं : न्यायालय

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी जांच एजेंसियों के पास भी काम का भार है और उन्हें भी न्यायपालिका की तरह श्रमशक्ति एवं उचित अवसंरचना की कमी का सामना करना पड़ रहा है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमण के नेतृत्व वाली पीठ ने इस स्थिति की निन्दा की कि सांसदों और विधायकों से जुड़े अधिकतर मामले जांच एजेंसियों के पास जांच के चरण में लंबित हैं। न्यायालय ने हालांकि एजेंसियों के लिए कड़े शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया और कहा कि उन्हें भी उन्हीं मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है जिनका सामना न्यायपालिका कर रही है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि श्रमशक्ति असल मुद्दा है। हमें व्यावहारिक रुख अपनाना होगा। हमारी तरह ही, जांच एजेंसियां भी श्रमशक्ति की कमी का सामना कर रही हैं। आप देखिए, आज हर कोई सीबीआई जांच चाहता है।’’ उन्होंने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, ‘‘श्री मेहता मुद्दे पर हमें आपका सहयोग चाहिए। आप हमें जांच एजेंसियों में श्रमशक्ति के अभाव के बारे में अवगत कराएं।’’ शीर्ष अदालत जघन्य अपराधों में दोषी सांसदों और विधायकों के चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध और उनके खिलाफ मामलों का जल्द निपटारा करने संबंधी अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।

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Web Title: Investigating agencies are also facing shortage of manpower like judiciary: SC

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