नई दिल्ली: पाकिस्तान की शीर्ष जांच एजेंसी के प्रमुख मंगलवार को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पर भारतीय मीडिया की ओर से पूछे गए सवालों पर चुप्पी साध गए। दाऊद इब्राहिम और हाफिद सईद दोनों ही भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की वांटेड आतंकवादियों की लिस्ट में हैं।
पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के महानिदेशक मोहसिन बट दरअसल इस्लामाबाद से दिल्ली आए उस दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, जो इंटरपोल महासभा में भाग ले रही है। दिल्ली में मंगलवार को इसी कार्यक्रम के बीच पाकिस्तानी डेलिगेट्स से दाऊद और हाफिज सईद को लेकर सवाल पूछे गए।
इनसे पूछा गया था कि क्या पाकिस्तान दाऊद इब्राहिम और लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद को भारत को सौंपेगा। इस पर पाकिस्तान से दोनों सदस्यों ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। माना जाता है कि हाफिज सईद को पाकिस्तान ने शरण दे रखी है और दाऊद इब्राहिम का भी ठिकाना वहां है।
पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल उस समय भारत में हो रहे इंटरपोल महासभा में हिस्सा ले रहा है जब दोनों देशों के बीच तनाव जारी है। हाल ही में हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा सहित कई वैश्विक मंचों पर कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दे बनाने के पाकिस्तान के प्रयास पर भी भारक कड़ा ऐतराज करता रहा है।
बता दें कि इंटरपोल महासभा इसकी सर्वोच्च गवर्निंग बॉडी है और इसके कामकाज से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए साल में एक बार बैठक करती है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को इंटरपोल की इस महासभा को संबोधित किया। चार दिनों के इस कार्यक्रम का समापन 21 अक्टूबर को होगा और इसमें 195 इंटरपोल सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडल शामिल हो रहे हैं। इसमें इन देशों के मंत्री, देशों के पुलिस प्रमुख, राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हो रहे हैं। भारत में लगभग 25 वर्षों के अंतराल के बाद इंटरपोल महासभा की बैठक हो रही है। इससे पहले यह आखिरी बार 1997 में आयोजित हुई थी।