International Women's Day 2020: भारत की वो 7 लेखिका जिनकी कलम ने हिन्दी साहित्य में कर दिया कमाल

By मेघना वर्मा | Updated: March 6, 2020 16:19 IST2020-03-06T16:19:47+5:302020-03-06T16:19:47+5:30

International Women's Day 2020: अरुंधति रॉय को उनकी पहली फिक्शन नॉवेल "द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स" के लिए मैन बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

International Women's Day 2020 special 7 famous Indian Female Author biography history and career profile | International Women's Day 2020: भारत की वो 7 लेखिका जिनकी कलम ने हिन्दी साहित्य में कर दिया कमाल

International Women's Day 2020: भारत की वो 7 लेखिका जिनकी कलम ने हिन्दी साहित्य में कर दिया कमाल

Highlightsशोभा डे ने अभी तक एक दर्जन से अधिक उपन्यास लिखे हैं। भारत के इतिहास में महिलाओं ने हर क्षेत्र में योगदान दिया है।

जहां भी आजाद रूह की झलक पड़े, समझना वह घर है मेरा...

गर्म घूंट इक तुम भी पीना,
गर्म घूंट इक मैं भी पी लूं, 
उम्र का ग्रीष्म हमने बिता दिया
उम्र का शिशिर नहीं बीतता
आ साजन, आज बातें कर लें...

अमृता प्रीतम, हिंदी साहित्य का वो नाम जिनकी रचनाएं आज भी दिल छू जाती हैं। यूं तो हिंदी साहित्य में पुरूषों का दबदबा हमेशा से रहा है मगर महिला लेखिकाओं ने भी यहां अपनी जगह जरूर बनाई है। भारत के इतिहास में महिलाओं ने हर क्षेत्र में योगदान दिया है। साहित्य में भी महिलाओं ने हमेशा अपना रंगीन हिस्सा बनाया है। 

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस यानी 8 मार्च को देश और दुनिया की तमाम उन महिलाओं को शुक्रिया कहा जाता है जो किसी ना किसी रूप में देश की तरक्की और समाज की तरक्की का हिस्सा बन रही हैं। इस मौके पर आइए आपको बताते हैं हिंदी साहित्य की कुछ ऐसी ही लेखिकाओं के बारे में जिनकी कलम ने लोगों को हिला दिया। किसी की रचना ने देश की सरकार के खिलाफ बोला तो किसी का लिखा अंदर से झकझोर गया। किसी ने अपनी फिक्शन नॉवेल से सपनों की दुनिया की सैर करा दी तो किसी ने समाज की सच्चाई से रूबरू करवा दिया।

1. अमृता प्रीतम

अमृता प्रीतम
अमृता प्रीतम

अमृता प्रीतम एक उपन्यासकार और कवि थीं। हिंदी और पंजाबी दोनों भाषाओं में इनका लेखन आज भी दिल छू जाता है। इन्हें पहली प्रमुख पंजाबी महिला कवि माना जाता है। इनकी कविता "अज अखाखें वारिस शाह नू" में 1947 के भारत-पाक विभाजन के बारे में बताया है। जिसके साक्षी बने लोगों का एक्सपीरिएंस और पार्टिशन के समय होने वाले आतंक को लिखा गया है। जो आपका दिल दहला जाएगा। विभाजन के ही समय की उनकी कहानी पिंजर (जिस पर फिल्म भी बनी हैं) में विभाजन के समय महिलाओं द्वारा सामना की गई असहायता को संबोधित किया गया है।

2. अरुंधति रॉय

अरुंधति रॉय
अरुंधति रॉय

भारत के कुछ सबसे प्रसिद्ध लेखिकाओं में इनका नाम शामिल है। अरुंधति रॉय को उनकी पहली फिक्शन नॉवेल "द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स" के लिए मैन बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वहीं रॉय ने नॉन-फिक्शन की एक पूरी सीरीज को भी रिलीज किया था। जिसमें भारत के परमाणु परीक्षणों की निंदा से लेकर इराक और अफगानिस्तान के अमेरिकी आक्रमणों के विषयों को कवर किया गया है। जून 2017 में रिलीज "मिनिस्ट्री ऑफ यूस्टीनेस हैप्पीनेस" ने 20 साल के लंबे अंतराल के बाद इन्होंने एक बार फिर से फिक्शन में वापसी की है।

3. इस्मत चुगताई

इस्मत चुगताई
इस्मत चुगताई

प्रख्यात भारतीय उर्दू लेखिका को उनके उग्र नारीवादी लेखन के लिए जाना जाता था। उर्दू के सबसे निपुण फिक्शन लेखकों में से एक, चुगताई ने उर्दू की 20 वीं शताब्दी की महिला लेखकों के सर्वोत्तम गुणों का उल्लेख किया है। चुगताई बोल्ड और नारीवादी लेखन के लिए जानी जाती थीं। उनका सबसे फेमस और कॉन्ट्रोवर्सियल रचना थी "लिहाफ"। जिसमें महिला कामुकता के विषय पर केंद्रित था। ये उस समय की रचना है जब उर्दू साहित्ये में दूर-दूर तक  कामुकता से संबंधित अन्य रचना दर्लभ थी।

4. शोभा डे

शोभा डे
शोभा डे

शोभा डे एक जानी मानी लेखिका हैं। शोभा डे ने अभी तक एक दर्जन से अधिक उपन्यास लिखे हैं। उनमें से सबसे सक्सेसफुल नॉवेल “Spouse – The Truth About Marriage” है, जिसकी एक मिलियन प्रतियां बिकी हैं।

5. शिवानी

शिवानी, हिंदी की प्रसिद्ध उपन्यासकार थीं। हिंदी साहित्य जगत में शिवानी वो लेखिका थीं जिनके पास हिंदी के साथ-साथ संस्कृत, गुजराती, बंगाली, ऊर्दू और अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ थी। शिवानी की ज्यादातर किताबों में भारत के कुमाऊं क्षेत्र की संस्कृति देखने को मिलती है। उनकी अधिकतर कहानियां और उपन्यास नारी प्रधान रहे। इसमें उन्होंने नायिका के सौंदर्य और उसके चरित्र का वर्णन बडे दिलचस्प अंदाज में किया।

6. सरोजनी नायडू

सरोजनी नायडू
सरोजनी नायडू

सरोजिनी नायडू, जिन्हें द नाइटिंगेल ऑफ इंडिया द्वारा भी जाना जाता है, एक बाल विलक्षण, स्वतंत्रता सेनानी और कवि थीं। उनकी कविताओं के तीन खंड, "द गोल्डन थ्रेशोल्ड", "द बर्ड ऑफ टाइम" और "द ब्रोकन विंग, इंडो-एंजेलियन कविता के इतिहास में प्रसिद्ध स्थान रखते हैं। नायडू की कविता में प्रकृति, प्रेम, जीवन, मृत्यु और देशभक्ति से संबंधित विषयों को देखा जा सकता है।

7. महादेवी वर्मा

महादेवी वर्मा
महादेवी वर्मा

महादेवी वर्मा हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से एक हैं। हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तभों में उनका नाम गिना जाता है। उन्होंने खड़ी बोली हिन्दी की कविता में उस कोमल शब्दावली का विकास किया जो अभी तक केवल बृजभाषा में ही संभव मानी जाती थी।  वे सात वर्ष की अवस्था से ही कविता लिखने लगी थीं। प्रतिभावान कवयित्री और गद्य लेखिका महादेवी वर्मा साहित्य और संगीत में निपुण होने के साथ-साथ[4] कुशल चित्रकार और सृजनात्मक अनुवादक भी थीं।

English summary :
International Women's Day which will celebrate all over the world on 8th March is said to thank all the women of the country and the world who are becoming part of the country's progress and society's progress.


Web Title: International Women's Day 2020 special 7 famous Indian Female Author biography history and career profile

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