'बेटी, बीवी या बहन समझ न करें महिलाओं का सम्मान', देखें महिला दिवस पर आरजे स्तुति ने क्या कहा
By धीरज पाल | Updated: March 8, 2018 14:38 IST2018-03-08T14:07:05+5:302018-03-08T14:38:17+5:30
एसिड तो शरीर पर एक बार अटैक करता है लेकिन उसके बाद सोसाइटी आप पर कई बार अटैक करती है।

'बेटी, बीवी या बहन समझ न करें महिलाओं का सम्मान', देखें महिला दिवस पर आरजे स्तुति ने क्या कहा
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मन में एक सवाल जरूर आता है कि आखिरकार हमें महिला दिवस मनाने की जरूरत क्यों पड़ती है? क्यों हमें एक ऐसा दिन चाहिए जब हम खासतौर से महिलाओं के अधिकारों को याद करें, उन्हें सामान दें, उनकी सुरक्षा की कसमें खाएं। जबकि वर्ष भर बलात्कार, महिला यौन शोषण, महिला उत्पीड़न के मामले सामने आते रहते हैं। लेकिन महिला दिवस पर लोग महिला और पुरुष के एक सामान होने की बात करते हैं। सवाल तो यह है कि महिला और पुरुष को हम अलग-अलग क्यों देखते हैं, आखिर हैं तो दोनों मनुष्य ही।
इस सवाल एक साथ लोकमत न्यूज डॉट इन ने एक मुहीम चलायी है जिसका नाम है 'स्त्री मानुष'। इस मुहीम के जरिए लोकमत न्यूज अपने पाठकों तक यह सन्देश पहुंचाना चाहता है कि महिला और पुरुष को अलग ना मानें, ये दोनों ही प्रकृति से पैदा हुए हैं और दोनों ही मनुष्य हैं। इन्हें अलग अलग छवि देकर हम प्रकृति का अपमान करते हैं। इस बात को मद्देनजर रखते हुए हमने कुछ जाने माने चेहरों से बात की। ये वे महिलाएं हैं जिन्होनें अपने क्षेत्र में कुछ खास उपलब्धियां हासिल की हैं। आइए देखते हैं स्त्री मानुष और महिला दिवस के बारे में इनका क्या कहना है।
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आरजे स्तुति
फीवर 104.0 एफएम की आरजे स्तुति का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कहना है कि 8 मार्च को मनाया जाने वाला महिला दिवस कहीं साल में एक और दिन न बन जाए। उन्होंने लोकमत न्यूज टीम से बातचीत के दौरान कहा कि अगर कोई महिला आपसे कहे कि उसे किसी चीज से दिक्कत है तो सिर्फ उसकी मदद इसलिए न करें कि वो आपकी बहन,बेटी या बीबी है बल्कि इसलिए करें की वो भी एक इंसान है।
लक्ष्मी अग्रवाल
एसिड अटैक Survivor लक्ष्मी अग्रवाल ने अंतराराष्ट्रीय महिला दिवस पर कहा कि एसिड अटैक सिर्फ एक बार करता है इंसान, लेकिन Survivor का सफ़र बहुत पेनफुल होता है। सोसाइटी हर दिन एसिड अटैक करती है, आपको हर दिन अटैक झेलने होते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में महिलाओं कभी पीछे नहीं हटना चाहिए बल्कि इनका डटकर मुकाबला करना चाहिए।