कांग्रेस का न्यायपालिका पर हमला, जिस पर संविधान के रक्षा की जिम्मेदारी वह संवेदनशील मामलों पर निर्णय लेने की जगह खिसका रही है आगे

By शीलेष शर्मा | Updated: September 15, 2019 06:07 IST2019-09-15T06:07:57+5:302019-09-15T06:07:57+5:30

मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि देश में भय का वातावरण है और निराशा है उसके प्रति विश्वास टूट रहा है जिससे भारत के प्रजातंत्र को गहरी चोट पहुंचेगी.

Instead of Taking up Sensitive Issues, Judiciary Putting Off Such Matters Says Congress | कांग्रेस का न्यायपालिका पर हमला, जिस पर संविधान के रक्षा की जिम्मेदारी वह संवेदनशील मामलों पर निर्णय लेने की जगह खिसका रही है आगे

आनंद शर्मा ने अपनी बात को साफ करते हुए कहा कि मेरा सीधा इशारा जम्मू कश्मीर के विषय में गठित की गयी संवैधानिक पीठ की ओर है।

Highlightsमोदी सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि देश में भय का वातावरण है और निराशा है.कांग्रेस का मानना था कि यह व्यक्ति या व्यक्तियों का मामला नहीं, देश के प्रजातंत्र को गंभीर खतरे के संकेत है.

मोदी सरकार और संवैधानिक संस्थाओं पर अब तक सवाल उठा रही कांग्रेस ने आज न्यायपालिका की कार्यशैली पर तीखा हमला बोला तथा आरोप लगाया कि न्यायपालिका जिस पर भारत के संविधान की रक्षा की जिम्मेदारी है वह संवेदनशील विषयों पर निर्णय लेने की जगह उनको आगे की तरफ खिसका रही है. जिसमें ना इंकार होता है और ना ही कार्यवाही.

पार्टी के प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि ऐसे अनेक मामले है जिनमें देरी करने से विश्व में प्रश्नचिन्ह उठते है और भारत की आलोचना हो जाती है.  देश का नागरिक जिसके मौलिक अधिकार हैं वो भी निराश हो रहे है.

आनंद शर्मा ने अपनी बात को साफ करते हुए कहा कि मेरा सीधा इशारा जम्मू कश्मीर के विषय में गठित की गयी संवैधानिक पीठ की ओर है जिसका गठन तो किया गया लेकिन अभी तक सुनवाई नहीं हुई है. देश के कई नागरिक, राजनेता जिनमें कांग्रेस के नेता भी शामिल है और जिनके मौलिक अधिकार है उनके विषय में यह अपेक्षा की जाती है कि न्यायपालिका निष्पक्षता से न्याय करेगी.

मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि देश में भय का वातावरण है और निराशा है उसके प्रति विश्वास टूट रहा है जिससे भारत के प्रजातंत्र को गहरी चोट पहुंचेगी.

कांग्रेस का मानना था कि यह व्यक्ति या व्यक्तियों का मामला नहीं, देश के प्रजातंत्र को गंभीर खतरे के संकेत है और संवैधानिक प्रजातंत्र के लिए एक चुनौती भी. जरुरत इस बात की है कि प्रजातंत्र में सभी की बात को सुना जाए और वे संस्थाएं जो शासन,प्रशासन और न्याय से जुड़ी हैं उनको बिना किसी संकोच के, भेदभाव और भय के अपना काम करना चाहिए.

गौरतलब है कि कांग्रेस पहले भी न्यायपालिका में महत्वपूर्ण पदों पर बैठे व्यक्तियों की आलोचना कर चुकी है लेकिन यह पहला अवसर है जब कांग्रेस ने इशारों ही इशारों में सर्वोच्च न्यायालय पर भी सवाल खड़ा कर दिया है. 

Web Title: Instead of Taking up Sensitive Issues, Judiciary Putting Off Such Matters Says Congress

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