निमंत्रण पत्र पर 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' की जगह 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' लिखा गया! भड़की कांग्रेस ने संघीय ढांचे पर हमला बताया
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: September 5, 2023 12:27 PM2023-09-05T12:27:32+5:302023-09-05T12:29:57+5:30
जयराम रमेश ने दावा किया है कि राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज के निमंत्रण पत्र पर पारंपरिक 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' के बजाय 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' अंकित था।
नई दिल्ली: भारत बनाम इंडिया को लेकर चल चर्चाओं के दौर में वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। जयराम रमेश ने दावा किया है कि राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज के निमंत्रण पत्र पर पारंपरिक 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' के बजाय 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' अंकित था।
इस बारे में सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए जयराम रमेश ने कहा, "तो यह खबर वाकई सच है। राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी20 रात्रिभोज के लिए सामान्य 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' के बजाय 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' के नाम पर निमंत्रण भेजा है।" जयराम रमेश ने इसे देश के संघीय ढांचे पर हमला बताया।
So the news is indeed true.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 5, 2023
Rashtrapati Bhawan has sent out an invite for a G20 dinner on Sept 9th in the name of 'President of Bharat' instead of the usual 'President of India'.
Now, Article 1 in the Constitution can read: “Bharat, that was India, shall be a Union of States.”…
भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए, कांग्रेस नेता ने कहा कि संविधान में अनुच्छेद 1 में साफ लिखा है कि इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा। लेकिन अब संघीय ढांचा खतरे में है।
बता दें कि G20 नेताओं का शिखर सम्मेलन 2023 9-10 सितंबर को प्रगति मैदान में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र के भारत मंडपम में होगा। वर्तमान में G20 की अध्यक्षता भारत के पास है।
भारत बनाम इंडिया की बहस की शुरुआत तब से हुई है जब से विपक्षी दलों के गठबंधन ने अपना नाम 'इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस' रखा गया। संक्षिप्त में इस गठबंधन का नाम 'I.N.D.I.A' है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले केंद्र सरकार इस संबंध में संसद में बिल भी ला सकती है। हालांकि इसका जिक्र शुरू होते ही विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरना भी शुरू कर दिया है।
कुछ समय पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी जोर देते हुए कहा था कि देश को भारत नाम का ही प्रयोग करना चाहिए। अब कांग्रेस समेत, राजद, सपा, टीएमसी और अन्य विपक्षी पार्टियां भी इसे संविधान को समाप्त करने की कोशिश बता रही हैं।