फर्ज निभाने में उम्र सीमा को किया दरकिनार, कोरोना के 50000 से ज्यादा मरीजों की जांच, जानिए उस शख्स के बारे में...

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: January 2, 2021 14:26 IST2021-01-02T14:22:20+5:302021-01-02T14:26:56+5:30

चंडीगढ़ के जीएमएसएच-16 में सीनियर लैब टेक्नीशियन अनिल ऑर्थर ने कमाल कर दिया. सोशल मीडिया पर लोग सलाम कर रहे हैं.

inspiring story corona warrior anil arthur chandigarh covid 50000 patients of Corona examining duty | फर्ज निभाने में उम्र सीमा को किया दरकिनार, कोरोना के 50000 से ज्यादा मरीजों की जांच, जानिए उस शख्स के बारे में...

फर्ज के प्रति ईमानदारी दिखाने का मौका 57 वर्षीय अनिल ने हाथ से नहीं जाने दिया. (file photo)

Highlightsपीपीई किट पहने हुए कई-कई घंटे काम करना मुश्किल भरा रहा. किसी भी मुसीबत से जज्बे में कहीं कोई कमी नहीं आई.बेटी ऐलन नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है और बेटा अमोस कनाडा के एक हॉस्पिटल में टेक्नीशियन है.

चंडीगढ़ः चंडीगढ़ के जीएमएसएच-16 में सीनियर लैब टेक्नीशियन अनिल ऑर्थर ने कोरोना के 50 हजार से ज्यादा संदिग्ध मरीजों की जांच की. कोरोना काल में खुद को साबित करने और अपने फर्ज के प्रति ईमानदारी दिखाने का मौका 57 वर्षीय अनिल ने हाथ से नहीं जाने दिया.

उन्होंने अपनी उम्र की सीमा को दरिकनार कर फ्रंटलाइन पर आकर हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाया. अपने अनुभव, मेहनत और लगन के बल पर अस्पताल की कोविड-19 लैब में कोरोना के 50 हजार से ज्यादा संदिग्ध मरीजों की जांच की. शुरु आती दौर में अचानक से बढ़ते पॉजीटिव केस की संख्या को देखते हुए जीएमएसएच-16 में अलग से लैब बनाने का निर्णय लिया गया.

तब अनिल की देखरेख में 20 टेक्नीशियन की टीम को इसकी जिम्मेदारी दी गई. उनकी टीम ने दिन-रात कोविड-19 मरीजों की जांच की. अनिल ने बताया कि मई-जून की गर्मियों में पीपीई किट पहन कर काम करना बहुत ही मुश्किल भरा था. किट के अंदर की घुटन के बीच कई कई घंटे लगातार काम करना पड़ा. लेकिन किसी भी मुसीबत से जज्बे में कहीं कोई कमी नहीं आई.

हॉट स्पॉट पर खुद जाकर लिया जांच का नमूना: शहर में जिस समय कोरोना चरम पर था उस समय अनिल ने बापूधाम जैसे हॉटस्पॉट पर जाकर संदिग्धों का सैंपल लिया. अनिल का कहना है कि अगर उस दौरान वह डरकर पीछे हट जाते तो उनके नेतृत्व में काम कर रहे बाकी तक्नीशियन का भी मनोबल कमजोर पड़ जाता. इसलिए उन्होंने हर मोर्चे पर आगे बढ़कर काम किया.

परिवार के हर सदस्य से मिली ताकत: अनिल का कहना है कि उन्हें उनके परिवार के प्रत्येक सदस्य से आगे बढ़कर खुद को साबित करने की ताकत मिली. अनिल की मां रिटायर्ड स्टाफ नर्स हैं जबकि उनकी पत्नी रीना पीजीआई पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में सीनियर नर्सिंग ऑफिसर के पद पर तैनात हैं. बेटी ऐलन नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है और बेटा अमोस कनाडा के एक हॉस्पिटल में टेक्नीशियन है.

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