मिथिला की रोहू मछली के लिए जीआई टैग दिलाने की पहल, केंद्र से संपर्क करेगी बिहार सरकार

By भाषा | Published: April 7, 2022 07:03 AM2022-04-07T07:03:48+5:302022-04-07T07:09:28+5:30

बिहार का मिथिला क्षेत्र माछ, पान और मखाना के लिए काफी प्रसिद्ध है। विशेष रूप से क्षेत्र की रोहू मछली बिहार, झारखंड और अन्य राज्यों में लोकप्रिय है।

initiative to get GI tag for Mithila's Rohu fish, Bihar government will contact center | मिथिला की रोहू मछली के लिए जीआई टैग दिलाने की पहल, केंद्र से संपर्क करेगी बिहार सरकार

मिथिला की रोहू मछली के लिए जीआई टैग दिलाने की पहल (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पटना: बिहार सरकार ने मिथिला की मशहूर रोहू मछली को जीआई टैग दिलाने के लिए केंद्र से संपर्क करने का फैसला किया है। बिहार के मत्स्य विभाग के निदेशक निशात अहमद ने बताया कि राज्य सरकार ने मिथिला क्षेत्र की रोहू मछली के अध्ययन और रिपोर्ट तैयार करने के लिए दो विशेषज्ञों को नियुक्त किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘कार्प की सबसे विशिष्ट प्रजातियों में से एक मिथिला क्षेत्र की रोहू मछली विशेष रूप से दरभंगा और मधुबनी जिलों में अपने स्वाद के लिए जानी जाती है। हमने मछली पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने और अध्ययन करने के लिए दो विशेषज्ञों को लगाया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विस्तृत रिपोर्ट तैयार होने के बाद हम मिथिला की रोहू मछली के लिए जीआई टैग देने के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय से संपर्क करेंगे।’’

जीआई टैग क्या होता है?

जीआई टैग एक उत्पाद को एक विशेष क्षेत्र से उत्पन्न होने की पहचान करता है। मिथिला क्षेत्र में बिहार, झारखंड और नेपाल के पूर्वी तराई के जिले के कुछ हिस्से शामिल हैं।

अहमद ने कहा, ‘‘हमें पूरी उम्मीद है कि इस क्षेत्र की रोहू मछली को जीआई टैग मिलेगा। इससे क्षेत्र में रोहू के उत्पादन में लगे लोगों को फायदा होगा क्योंकि उन्हें एक वैश्विक बाजार और एक नई पहचान मिलेगी। इसका सीधा असर उनकी आय पर पड़ेगा।’’

इसी तरह की राय व्यक्त करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और दरभंगा के विधायक संजय सरावगी ने कहा, ‘‘मिथिला क्षेत्र अपने ‘‘माछ, पान और मखाना’’ के लिए जाना जाता है। विशेष रूप से क्षेत्र की रोहू मछली अपने स्वाद के कारण बिहार, झारखंड और अन्य राज्यों में काफी लोकप्रिय है। इस क्षेत्र की रोहू मछली का स्वाद अन्य राज्यों में पाई जाने वाली रोहू की प्रजातियों से अलग है। मुझे विश्वास है कि मिथिला की रोहू मछली को जीआई टैग मिलेगा। यह पशु और मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा एक अच्छी पहल है।’’

कतरनी चावल, ‘‘जरदालु आम, शाही लीची और मगही पान को मिला है जीआई टैग

राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर के एसोसिएट प्रोफेसर (एक्वाकल्चर) डॉ. शिवेंद्र कुमार ने कहा, ‘‘यह अच्छा है कि राज्य सरकार के मत्स्य पालन विभाग ने यह पहल की है और इस उद्देश्य के लिए विशेषज्ञों को लगाया है। इसके लिए गहन शोध कार्य की आवश्यकता है और हमें निष्कर्षों की प्रतीक्षा करनी चाहिए। यदि मिथिला (दरभंगा और मधुबनी) की रोहू मछली जीआई टैग प्राप्त करने में सफल हो जाती है तो यह क्षेत्र में इसके उत्पादन में लगे लोगों के लिए अच्छा होगा।’’

जीआई टैग रजिस्ट्री ने हाल ही में ‘‘बिहार मखाना’’ का नाम बदलकर ‘‘मिथिला मखाना’’ करने की याचिका को स्वीकार कर लिया है। बिहार के ‘‘कतरनी चावल’’, ‘‘जरदालु आम’’, ‘‘शाही लीची’’ और ‘‘मगही पान’’ को जीआई टैग पूर्व से प्राप्त है।

Web Title: initiative to get GI tag for Mithila's Rohu fish, Bihar government will contact center

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