इंदु मल्होत्रा ने ली सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ, रचा इतिहास
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: April 27, 2018 11:15 IST2018-04-27T11:09:09+5:302018-04-27T11:15:59+5:30
इंदु मल्होत्रा पहली महिला हैं जो सीधे वकील से सुप्रीम कोर्ट की जज बनी हैं। इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने पद की शपथ दिलायी।

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सीनियर एडवोकेट ने शुक्रवार (27 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ ली। इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायादीश दीपक मिश्रा ने पद की शपथ दिलायी। सीधे वकील से सुप्रीम कोर्ट की जज बनने वाली मल्होत्रा पहली महिला हैं। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने इंदु मल्होत्रा का नाम सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए अनुमोदित किया था जिसे नरेंद्र मोदी सरकार ने मंजूरी दी थी। 61 वर्षीय मल्होत्रा आजादी के बाद से सुप्रीम कोर्ट की जज बनने वाली सातवीं महिला हैं। उनसे पहले जो भी महिलाएँ सुप्रीम कोर्ट की जज बनी थीं वो सब पहले हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थीं।
भारत के कानून मंत्रालय ने बुधवार (25 अप्रैल) को इंदु मल्होत्रा के नाम को अंतिम मंजूरी दी। भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली कोलेजियम ने इंदु मल्होत्रा और उत्तराखण्ड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ के नाम को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त करने के लिए अनुमोदित किया था। केंद्र सरकार ने इंदु मल्होत्रा के नाम को मंजूरी दी लेकिन केएम जोसेफ के नाम को मंजूरी नहीं दी। केंद्र सरकार ने तर्क दिया है कि केएम जोसेफ हाई कोर्ट के जजों की वरिष्ठता क्रम में काफी नीचे हैं िसलिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट में जज बनाना उचित नहीं होगा।
सीनियर एडवोकेट इंदु मल्होत्रा शिक्षा क्षेत्र से जुड़े मामलों के प्रमुख मुकदमों में वकील के रूप में पेश हो चुकी हैं। वो मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों से जुड़े केसों में वकील रही हैं। इंदु मल्होत्रा दफ्तर और अन्य कामकाज की जगहों पर होने वाले यौन शोषण रोकने के लिए सुझाव देने वाली विशाखा कमेटी की सदस्य रही हैं। इंदु मल्होत्रा अदालतों में होने वाले यौन शोषण से निपटने के लिए बनायी गयी 10 सदस्यीय कमेटी की भी सदस्य रही हैं।
इंदु मल्होत्रा पिछले 30 सालों में सुप्रीम कोर्ट की सीनियर एडवोकेट बनने वाली दूसरी महिला हैं। साल 1950 में भारत के सुप्रीम कोर्ट के गठन के बाद पहली बार 1989 में कोई महिला सर्वोच्च अदालत में जज बनी थीं। जस्टिस फातिमा बीबी 1989 में सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनी थीं।