भारत का पहला डिजिटल एड्रेस सिटी बनेगा इंदौर, महापौर पुष्यमित्र भार्गव की पहल से शुरू हुआ नया युग
By रुस्तम राणा | Updated: November 3, 2025 16:21 IST2025-11-03T16:21:44+5:302025-11-03T16:21:44+5:30
यहां कुल 7185 संपत्तियों को डिजिटल एड्रेस प्लेट देने की प्रक्रिया पूरी की गई, जिनमें आवासीय, वाणिज्यिक, मिश्रित उपयोग की इमारतें, खुले प्लॉट, शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल और धार्मिक स्थल शामिल थे।

भारत का पहला डिजिटल एड्रेस सिटी बनेगा इंदौर, महापौर पुष्यमित्र भार्गव की पहल से शुरू हुआ नया युग
इंदौर: स्वच्छता के बाद अब इंदौर देश को डिजिटल पहचान का नया मॉडल देने जा रहा है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव के नेतृत्व में नगर निगम ने देश की पहली डिजिटल पता प्रोजेक्ट स्कीम का पायलट सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। अब इसका विस्तार वार्ड 71, 79 और 83 में किया जाएगा। वार्ड 82 के सुदामा नगर क्षेत्र में आरंभ यह पायलट प्रोजेक्ट नवंबर के पहले सप्ताह में संपन्न हुआ।
यहां कुल 7185 संपत्तियों को डिजिटल एड्रेस प्लेट देने की प्रक्रिया पूरी की गई, जिनमें आवासीय, वाणिज्यिक, मिश्रित उपयोग की इमारतें, खुले प्लॉट, शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल और धार्मिक स्थल शामिल थे। इनमें से 3924 संपत्तियों को यूनिक आईडी जारी की जा चुकी है, 2545 संपत्तियों की आईडी निर्माणाधीन हैं। साथ ही 250 नई संपत्तियां सूची में जोड़ी गईं, जबकि 466 डुप्लीकेट रिकॉर्ड्स की पहचान की गई।महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि इस परियोजना को सीएसआर फंड से पूरा किया जा रहा है ताकि नागरिकों पर किसी तरह का आर्थिक बोझ न पड़े।
उन्होंने कहा कि यह योजना डिजिटल इंडिया की दिशा में इंदौर का ऐतिहासिक कदम साबित होगी। इसके अंतर्गत प्रत्येक घर को एक यूनिक डिजिटल एड्रेस प्लेट दी जा रही है, जिस पर लगा क्यूआर कोड स्कैन करते ही संपत्ति से जुड़ी मूलभूत जानकारी जैसे पता, स्वामित्व और वेरिफिकेशन स्थिति तुरंत दिखाई देगी। प्रशासन ने इस समस्त डेटा को सुरक्षित रखने की व्यवस्था की है।
महापौर ने कहा कि जिस तरह इंदौर ने स्वच्छता अभियान में देश को दिशा दी, अब डिजिटल एड्रेस सिस्टम के माध्यम से डिजिटल प्रशासन का नया मॉडल प्रस्तुत करेगा। यह परियोजना न केवल तकनीकी प्रगति का प्रतीक है, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और नागरिक सुविधा को नई ऊंचाई देने वाली पहल भी है।