रेलवे ने 3276 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों ने एक मई से अब तक 42 लाख प्रवासी श्रमिकों को घरों तक पहुंचाया

By गुणातीत ओझा | Updated: May 26, 2020 15:49 IST2020-05-26T15:49:58+5:302020-05-26T15:49:58+5:30

भारतीय रेलवे ने एक मई से 3,276 ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों से करीब 42 लाख प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचाया है। आधिकारिक डेटा के मुताबिक कुल 2,875 ट्रेनों को रद्द किया गया जबकि 401 चलाई जा रही हैं।

Indian Railways 3276 laborers special trains took 42 lakh migrant laborers to homes since May 1 | रेलवे ने 3276 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों ने एक मई से अब तक 42 लाख प्रवासी श्रमिकों को घरों तक पहुंचाया

भारतीय रेलवे एक मई से अब तक 42 लाख प्रवासी श्रमिकों को घरों तक पहुंचाया।

Highlightsभारतीय रेलवे ने एक मई से 3,276 ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों से करीब 42 लाख प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचाया है।आधिकारिक डेटा के मुताबिक कुल 2,875 ट्रेनों को रद्द किया गया जबकि 401 चलाई जा रही हैं।

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने एक मई से 3,276 ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों से करीब 42 लाख प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचाया है। आधिकारिक डेटा के मुताबिक कुल 2,875 ट्रेनों को रद्द किया गया जबकि 401 चलाई जा रही हैं। शीर्ष पांच राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों जहां से अधिकतम ट्रेनें चलाई गई हैं वे गुजरात (897), महाराष्ट्र (590), पंजाब (358), उत्तर प्रदेश (232) और दिल्ली (200) हैं। जिन पांच राज्यों जहां से अधिकतम ट्रेनें रद्द की गई हैं वे उत्तर प्रदेश (1,428), बिहार (1,178), झारखंड (164), ओडिशा (128) और मध्य प्रदेश (120) हैं। श्रमिक स्पेशल ट्रेंने मुख्यत: राज्यों के अनुरोध पर चलाई जा रही हैं जो प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों तक भेजना चाहते हैं।

भारतीय रेलवे जहां प्रत्येक ट्रेन को चलाने में आ रहे कुल खर्च का 85 प्रतिशत उठा रहा है वहीं शेष 15 प्रतिशत किराये के रूप में राज्यों द्वारा वसूला जा रहा है। कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभावी पड़ा है साथ ही लाखों प्रवासी मजदूरों की आजीविका पर भी। शहरों से पैदल ही अपने गांवों को लौट रहे प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा करीब दो महीने तक सुर्खियों में रही। सड़क दु्र्घटना में अनेक की मौत भी हुई।

भारतीय रेलवे ने यह भी बताया कि रेल मार्गों पर ट्रैफिक की समस्या जो 23 और 24 मई को दिखा था,वह अब खत्म हो गया। इसने बताया, “यह भीड़-भाड़ बिहार और उत्तर प्रदेश तक जाने वाले मार्गों पर दो तिहाई से ज्यादा रेल ट्रैफिक के एक जगह मिलने के कारण और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल की वजह से टर्मिनल की देरी से मंजूरी मिलने की वजह से हुई।” रेलवे ने बताया, “ राज्य सरकारों के साथ सक्रिय परामर्श के जरिए और सफर के लिए अन्य व्यावहारिक मार्गों की तलाश कर यह मामला सुलझा लिया गया है।’’

Web Title: Indian Railways 3276 laborers special trains took 42 lakh migrant laborers to homes since May 1

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