अप्रैल 2023 तक दौड़ने लगेंगी प्राइवेट ट्रेनें, रेलवे बोर्ड प्रमुख बोले-किराया हम तय करेंगे, इंजन में बिजली मीटर

By भाषा | Updated: July 2, 2020 21:49 IST2020-07-02T21:20:16+5:302020-07-02T21:49:09+5:30

आखिरकार रेलवे ने फैसला कर लिया कि देश भर में 109 प्राइवेट ट्रेन चलेंगे। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी. के. यादव ने कहा कि किराा हम तय करेंगे। कोचों को अभी हर 4,000 किलोमीटर यात्रा के बाद रखरखाव की जरूरत होती है तब यह सीमा करीब 40,000 किलोमीटर हो जाएगी।

Indian railway April 2023 private train railway board head fare power meter 109 engine | अप्रैल 2023 तक दौड़ने लगेंगी प्राइवेट ट्रेनें, रेलवे बोर्ड प्रमुख बोले-किराया हम तय करेंगे, इंजन में बिजली मीटर

भारतीय रेल अभी करीब 2,800 मेल या एक्सप्रेस रेलगाड़ियों का परिचालन करती है। (file photo)

Highlightsनिजी कंपनियों के उतरने से रेलगाड़ियों को तेज गति से चलाने और रेल डिब्बों की प्रौद्योगिकी में नया बदलाव आएगा। अभी हर 4,000 किलोमीटर यात्रा के बाद रखरखाव की जरूरत होती है तब यह सीमा करीब 40,000 किलोमीटर हो जाएगी। सरकार ने 151 आधुनिक रेलगाड़ियों के माध्यम से 109 युगल रेलमार्गों पर निजी कंपनियों द्वारा यात्री रेलगाड़ी चलाने की अनुमति देने के लिए पात्रता आवेदन मांगे हैं।

नई दिल्लीः देश में निजी रेलगाड़ियों का परिचालन अप्रैल 2023 तक शुरू हो सकता है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी. के. यादव ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी देते हुये कहा कि इन रेलमार्गों पर यात्रा किराया इन मार्गों के हवाई यात्रा किराये के अनुरूप प्रतिस्पर्धी होगा।

यादव ने आनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यात्री रेलगाड़ी परिचालन में निजी कंपनियों के उतरने से रेलगाड़ियों को तेज गति से चलाने और रेल डिब्बों की प्रौद्योगिकी में नया बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के बेहतर होने से रेलगाड़ी के जिन कोचों को अभी हर 4,000 किलोमीटर यात्रा के बाद रखरखाव की जरूरत होती है तब यह सीमा करीब 40,000 किलोमीटर हो जाएगी।

इससे उनका महीने में एक या दो बार ही रखरखाव करना होगा। यादव की ओर से यह टिप्पणियां रेलवे के यात्री परिचालन में निजी कंपनियों को प्रवेश देने की आधिकारिक घोषणा के एक दिन बाद आयी हैं। सरकार ने 151 आधुनिक रेलगाड़ियों के माध्यम से 109 युगल रेलमार्गों पर निजी कंपनियों द्वारा यात्री रेलगाड़ी चलाने की अनुमति देने के लिए पात्रता आवेदन मांगे हैं।

भारतीय रेलवे के कुल यात्री रेलगाड़ी परिचालन का मात्र पांच प्रतिशत होगा

भारतीय रेलवे नेटवर्क को निजी हाथों में सौंपने को लेकर आशंका से जुड़े एक सवाल के जवाब में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि निजी क्षेत्र द्वारा किया जाने वाला यात्री रेलगाड़ी परिचालन भारतीय रेलवे के कुल यात्री रेलगाड़ी परिचालन का मात्र पांच प्रतिशत होगा।

भारतीय रेल अभी करीब 2,800 मेल या एक्सप्रेस रेलगाड़ियों का परिचालन करती है। यादव ने कहा, ‘‘ट्रेनों की खरीद निजी कंपनियां करेंगी। उनके रखरखाव का जिम्मा भी उन्हीं का होगा। देश में निजी ट्रेनों का परिचालन अप्रैल 2023 तक शुरू होने की उम्मीद है। रेलगाड़ी के सभी डिब्बों की खरीद ‘मेक इन इंडिया’ नीति के तहत की जाएगी।

निजी क्षेत्र की रेलगाड़ियों के यात्रा किराये की प्रतिस्पर्धा उन्हीं मार्गों पर चलने वाली बस सेवा और हवाई सेवा से होगी।’’ उन्होंने कहा कि यात्री रेलगाड़ी परिचालन मे निजी कंपनियों को लाने का एक मकसद यह भी है कि इन्हें मांग के आधार पर उपलब्ध कराया जाएगा जिससे रेलगाड़ियों में ‘प्रतीक्षा सूची’ में कमी होगी।

रेलवे की बुनियादी सुविधाओं, बिजली, स्टेशन और रेलमार्ग इत्यादि के उपयोग का शुल्क भी देना होगा

यादव ने कहा कि कंपनियों को रेलवे की बुनियादी सुविधाओं, बिजली, स्टेशन और रेलमार्ग इत्यादि के उपयोग का शुल्क भी देना होगा। इतना ही नहीं कंपनियों को प्रतिस्पर्धी बोलियां लगाकर भारतीय रेलवे के साथ राजस्व भी साझा करना होगा। निजी कंपनियों को समयसारिणी के हिसाब से रेलगाड़ी परिचालन में 95 प्रतिशत समयबद्धता का पालन सुनिश्चित करना होगा।

उन्हें प्रति एक लाख किलोमीटर की यात्रा में एक बार से अधिक बार असफल नहीं होने के रिकार्ड के साथ चलना होगा। यादव ने कहा, ‘‘यदि निजी कंपनियां यात्री रेलगाड़ी परिचालन से जुड़े किसी भी प्रदर्शन मानक को पूरा करने में असफल रहती हैं तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।

हर रेलगाड़ी इंजन में एक बिजली मीटर भी होगा और कंपनियों को उनके द्वारा उपभोग बिजली का वास्तविक भुगतान करना होगा। यह उन्हें अपना बिजली खर्च कम रखने को प्रोत्साहित करेगा।’’ उन्होंने कहा कि इससे यात्रियों को कम लागत पर बेहतर रेलगाड़ियां और प्रौद्योगिकी मिल सकेगी। भारतीय रेल बसकी 95 प्रतिशत रेलगाड़ियों का परिचालन जारी रखेगी।

ट्रेन के डिब्बों को आईसीयू में परिवर्तित करना संभव नहीं: रेलवे ने अदालत से कहा

रेल मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बम्बई उच्च न्यायालय को सूचित किया कि ट्रेन के डिब्बों को कोविड-19 मरीजों के लिए आईसीयू में तब्दील करना संभव नहीं होगा क्योंकि उसमें काफी संरचनात्मक बदलाव करने की जरूरत पड़ेगी। रेलवे ने सामाजिक कार्यकर्ता नरेश कपूर की उस अर्जी के जवाब में एक हलफनामा दायर किया जिसमें अदालत से यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि कोविड-19 के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए इस्तेमाल नहीं किए जा रहे ट्रेन के डिब्बों को पृथक-वास सुविधाओं या आईसीयू में तब्दील कर दिया जाए।

हलफनामे में कहा गया है, ‘‘व्यापक संरचनात्मक फेरबदल और बड़े बदलावों के बिना ट्रेन के डिब्बों को आईसीयू में तब्दील करना संभव नहीं है। इन परिवर्तनों के लिए विस्तृत डिजाइन की आवश्यकता होगी और ऐसा केवल विस्तृत विनिर्माण इकाइयों में ही किया जा सकता है।’’ उसने कहा कि इसके अलावा, डिब्बों में पृथक-वास की सुविधाएं तब तक के लिए एक अस्थायी व्यवस्था है जब तक रेलवे नियमित संचालन शुरू नहीं करता है। हलफनामे के अनुसार यदि बड़े संरचनात्मक बदलाव किये गए तो ट्रेन के डिब्बों का पुन: उपयोग यात्रियों के लिए नहीं किया जा सकेगा।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति एम एस कार्निक की खंडपीठ ने कहा कि वर्तमान में, स्थिति ऐसी नहीं है कि डिब्बों को आईसीयू में परिवर्तित करने की जरूरत हो। अदालत ने अपने आदेश में रेलवे द्वारा ट्रेन के डिब्बों को पृथक-वास इकाइयों के तौर पर इस्तेमाल के लिए किये गए बदलावों पर संतोष जताया। रेलवे ने अपने हलफनामे में कहा कि मध्य रेलवे ने महाराष्ट्र में 24 रैक के 482 गैर-वातानुकूलित डिब्बों को अस्थायी पृथक-वास इकाइयों में परिवर्तित किया है। इसी प्रकार, पश्चिम रेलवे ने 18 रैक के 410 गैर-एसी कोच को पृथक-वास इकाइयों में परिवर्तित किया है। 

Web Title: Indian railway April 2023 private train railway board head fare power meter 109 engine

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