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भारतीय रेलः यात्री को तोहफा, चल रही 736 स्पेशल ट्रेनों में से 327 में वेटिंग लिस्ट, जानिए क्या है खास प्लान

By सतीश कुमार सिंह | Updated: November 2, 2020 21:21 IST

रेलवे अधिकारी ने कहा कि हम इन 327 ट्रेनों की दैनिक रूप से निगरानी कर रहे हैं। एक बार जब हम वेटिंग लिस्ट देख लेंगे तो फेरे की संख्या बढ़ा देंगे। रेलवे ने इस समस्या से छुटकारा पाने की तैयारी भी कर ली है।

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ठळक मुद्देरेलवे ने सोमवार को कहा, यात्रा करने वाले लोगों की ओर से मांग में भारी उछाल दिख रहा है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन का कहना है कि रेलवे ने तय किया है कि और अधिक ट्रेन चलाई जाएंगी। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन पहले ही ये कह चुके हैं कि जब-जब जरूरत पड़ेगी, रेलवे की तरफ से और ट्रेनें चलाई जाएंगी।

नई दिल्लीःभारतीय रेलवे ने त्योहार के मौके पर सैकड़ों स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। इस समय 736 विशेष ट्रेनों में से 327 में प्रतीक्षा सूची के यात्री हैं।

रेलवे ने सोमवार को कहा, यात्रा करने वाले लोगों की ओर से मांग में भारी उछाल दिख रहा है। रेलवे द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, इन विशेष ट्रेनों का औसत अधिभोग लगभग 92 प्रतिशत है। रेलवे अधिकारी ने कहा कि हम इन 327 ट्रेनों की दैनिक रूप से निगरानी कर रहे हैं। एक बार जब हम वेटिंग लिस्ट देख लेंगे तो फेरे की संख्या बढ़ा देंगे। रेलवे ने इस समस्या से छुटकारा पाने की तैयारी भी कर ली है।

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन का कहना है कि रेलवे ने तय किया है कि और अधिक ट्रेन चलाई जाएंगी। हम टिकट का विश्लेषण कर रहे हैं। इसके बाद लोगों को कनफर्म सीट दिलाने के मकसद से रेलवे कुछ और ट्रेनें चला सकता है। ये ट्रेनें क्लोन ट्रेनें होने की संभावना है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन पहले ही ये कह चुके हैं कि जब-जब जरूरत पड़ेगी, रेलवे की तरफ से और ट्रेनें चलाई जाएंगी।

कोरोना वायरस महामारी के बीच रेलगाड़ी से यात्रा करने की लोगों की मांग बढ़ी है। रेलवे ने सोमवार को बताया कि वर्तमान में 736 विशेष रेलगाड़ियां चल रही हैं जिनमें 327 रेलगाड़ियों में यात्री प्रतीक्षा श्रेणी में हैं, जो दर्शाता है कि यात्रा के लिए मांग में बढ़ोतरी हुई है। रेलवे की तरफ से उपलब्ध कराए गए आंकड़े के मुताबिक इन विशेष रेलगाड़ियों में औसत ग्राह्यता करीब 92 फीसदी है।

हम इन 327 रेलगाड़ियों की रोजाना निगरानी करते हैं

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ वी. के. यादव ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम इन 327 रेलगाड़ियों की रोजाना निगरानी करते हैं। हम प्रतीक्षा श्रेणी की प्रकृति निर्धारित करते ही इन मार्गों पर क्लोन रेलगाड़ियां चलाएंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम कहते रहे हैं कि जहां जरूरी है हम रेलगाड़ी चलाएंगे, लेकिन वे केवल आरक्षित रेलगाड़ियां होंगी और उसमें कोरोना वायरस के सभी प्रोटोकॉल का पालन होगा।’’ रेलवे ने मार्च में कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन के बाद से सभी यात्री रेलगाड़ी सेवाएं स्थगित कर दी थीं लेकिन विशेष रेलगाड़ियां चलाकर इसने 3322 करोड़ रुपये अर्जित किए हैं जो पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान अर्जित राजस्व से 90 फीसदी कम हैं।

क्लोन ट्रेन को आसान शब्दों में समझें तो एक ही नंबर की दो ट्रेनें एक ही जगह से कुछ समय के अंतराल पर प्रस्थान करती हैं और एक ही रूट से गंतव्य स्थल तक पहुंचती हैं, ऐसे में ज्यादा वेटिंग लिस्ट वाली ट्रेनों के लिए क्लोन ट्रेन का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को उसी नंबर की दूसरी ट्रेन यानी क्लोन ट्रेन में कंफर्म सीट मिल जाए और वो आसानी से अपने गंतव्य स्थल तक पहुंच जाएं।

रेलवे की बंगाल में 50 प्रतिशत यात्री क्षमता के साथ लोकल ट्रेन सेवाओं को शुरू करने की योजना

रेलवे पश्चिम बंगाल में 50 प्रतिशत यात्री क्षमता और कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करते हुए पश्चिम बंगाल में लोकल ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू करने का इच्छुक है। राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक बैठक के बाद सोमवार को अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि शुरुआत में 10-20 प्रतिशत सेवाओं के साथ संचालन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया जिसे बाद में धीरे-धीरे 25 प्रतिशत तक बढ़ाया जायेगा। अधिकारियों ने बताया कि लोकल ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू करने पर अंतिम निर्णय पांच नवंबर को राज्य सरकार के साथ होने वाली बैठक में लिया जाएगा। कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए मार्च में लगाये गये लॉकडाउन के समय अधिकारियों ने लोकल ट्रेन सेवाओं को रोक दिया था। 

मुम्बई की लोकल ट्रेनों में भीड़-भाड़ कम करने के लिए सोमवार को 753 और विशेष सेवाएं शुरू कर दी

रेल अधिकारियों ने मुम्बई की लोकल ट्रेनों में भीड़-भाड़ कम करने के लिए सोमवार को 753 और विशेष सेवाएं शुरू कर दी। इसके साथ ही उपनगर नेटवर्क पर अब 2,773 ट्रेनें चलेंगी। अधिकारियों ने बताया कि रेल अधिकारियों ने उपनगर की 3,141 सेवाओं में से 88 प्रतिशत सेवाएं बहाल कर दी हैं। कोविड-19 महामारी के फैलने से पहले यहां उपनगर नेटवर्क पर 3,141 ट्रेनें चलती थीं।

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन से पहले मध्य रेलवे (सीआर) 1,772 ट्रेनें और पश्चिमी रेलवे (डब्ल्यूआर) पर 1,367 ट्रेनें चलती थीं। मुम्बई में आपात एवं आवश्यक सेवाओं में शामिल लोगों के लिए जून में लोकल ट्रेन सेवाओं को शुरू किया गया था।

सीआर और डब्ल्यूआर ने रविवार को जारी किए गए संयुक्त बयान में कहा कि उपनगर ट्रेनों में बढ़ती भीड़ से निपटने के लिए मध्य रेलवे ने अपने मार्गों पर और 552 तथा पश्चिमी रेलवे ने अपने मार्गों पर 201 और ट्रेनें बढ़ाई हैं। प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ रेलवे, सामाजिक दूरी बनाए रखने और लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए धीरे-धीरे अपनी उपनगरीय सेवाएं बढ़ा रहा है।’’ 

टॅग्स :भारतीय रेलपीयूष गोयलदिल्लीकोलकातामुंबई
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