समुद्र में होगी ब्रह्मोस के नौसेनिक वर्जन की तैनाती, चीन-पाक को मिलेगा किसी भी दुस्साहस का करारा जवाब

By शिवेंद्र कुमार राय | Published: April 1, 2023 06:34 PM2023-04-01T18:34:33+5:302023-04-01T18:35:57+5:30

अगली पीढ़ी की मोबाइल मिसाइल तटीय बैटरियों को रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया जाएगा। भारत सरकार भी सेनाओं की ताकत बढ़ाने पर पूरा जोर दे रही है। हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने भारतीय रक्षा बलों के लिए विभिन्न हथियार प्रणालियों की खरीद के लिए 70,000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्तावों को मंजूरी दी है।

Indian Navy would deploy BrahMos supersonic cruise missile across the maritime zone | समुद्र में होगी ब्रह्मोस के नौसेनिक वर्जन की तैनाती, चीन-पाक को मिलेगा किसी भी दुस्साहस का करारा जवाब

मोबाइल मिसाइल तटीय बैटरियों को रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया जाएगा

Highlightsभारतीय नौसेना एक बड़ा कदम उठाने जा रही हैब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की रणनीतिक तैनाती होगीपूर्व या पश्चिम दोनों ओर से खतरों को बेअसर करने के लिए कदम

नई दिल्ली: समुद्र में चीन और पाकिस्तान की तरफ से आने वाले किसी भी खतरे से निपटने के लिए भारतीय नौसेना एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। नौसेना के पूर्व प्रमुख वाइस एडमिरल सतीश एन घोरमाड़े ने शनिवार को कहा कि भारतीय नौसेना हाल ही में स्वीकृत ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस मोबाइल कोस्टल बैटरी को समुद्री क्षेत्र में रणनीतिक स्थानों पर तैनात करेगी ताकि पूर्व या पश्चिम दोनों ओर से खतरों को बेअसर किया जा सके।

हाल ही में रक्षा मंत्रालय द्वारा मोबाइल कोस्टल मिसाइल बैटरियों को मंजूरी दी गई थी और इस संबंध में 30 मार्च को ब्रह्मोस एयरोस्पेस कॉर्पोरेशन के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। सतीश एन घोरमाड़े 31 मार्च 2023 को ही सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्होंने एएनआई के साथ बातचीत में कहा कि हम अगली पीढ़ी की मोबाइल मिसाइल तटीय बैटरियों को रणनीतिक स्थानों पर तैनात करेंगे।  ब्रह्मोस- सुसज्जित समुद्री मोबाइल तटीय बैटरी एक स्वदेशी संयुक्त उद्यम है। इससे जमीन पर स्थित किसी लक्ष्य या समुद्र में दुश्मन के जहाज, दोनों को निशाना बनाया जा सकता है। 

बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल बैटरियों की डिलीवरी 2027 में शुरू होने वाली है। ये प्रणालियां सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस होंगी और भारतीय नौसेना की बहु-दिशात्मक समुद्री हमले की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि करेंगी। ब्रह्मोस, भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उपक्रम के तहत बनने वाली मिसाइलें हैं जिन्हें दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल माना जाता है।

भारत सरकार भी सेनाओं की ताकत बढ़ाने पर पूरा जोर दे रही है। हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने भारतीय रक्षा बलों के लिए विभिन्न हथियार प्रणालियों की खरीद के लिए 70,000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्तावों को मंजूरी दी है।  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में भारतीय नौसेना के लिए 60 मेड इन इंडिया यूटिलिटी हेलीकॉप्टर मरीन और ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, भारतीय सेना के लिए 307 एटीएजीएस हॉवित्जर, भारतीय तट के लिए 9 एएलएच ध्रुव हेलिकॉप्टर खरीदने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई है। इस सौदे में भारतीय नौसेना के लिए एचएएल से 60 यूएच समुद्री हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए 32,000 करोड़ रुपये का मेगा ऑर्डर भी शामिल है। 

Web Title: Indian Navy would deploy BrahMos supersonic cruise missile across the maritime zone

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