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भारतीय नौसेना का ऐतिहासिक कदम, पहली बार स्पेशल फोर्स में MARCOS कमांडो बनेंगी महिलाएं, जानिए इसके बारे में

By अनिल शर्मा | Updated: December 12, 2022 08:42 IST

एक अधिकारी ने कहा- यह वास्तव में भारत के सैन्य इतिहास में एक वाटरशेड है। लेकिन किसी को सीधे विशेष बल इकाइयों शामिल नहीं किया जाएगा। पहले लोगों को इसके लिए स्वयंसेवा (वॉलंटियर) के तौर पर काम करना होगा।

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ठळक मुद्देथल सेना, नौसेना और वायुसेना के विशेष बलों में कुछ विशिष्ट सैनिकों शामिल किया जाता है।मार्कोस में महिलाओं को सीधे शामिल नहीं किया जाएगा पहले (वॉलंटियर) के तौर पर काम करना होगा।मार्कोस या मरीन कमांडो फोर्स (MCF) भारतीय नौसेना की स्पेशल ऑपरेशंस फोर्स यूनिट हैं।

नई दिल्ली: भारतीय नौसेना ने अपने विशेष बलों में महिलाओं को भर्ती करने का ऐतिहासिक फैसला किया है, जिससे उन्हें तीनों रक्षा सेवाओं में पहली बार कमांडो (Marcos) के रूप में सेवा करने की अनुमति मिली है। वरिष्ठ अधिकारियों ने रविवार को इसकी जानकारी दी।

गौरतलब है कि थल सेना, नौसेना और वायुसेना के विशेष बलों में कुछ विशिष्ट सैनिकों शामिल किया जाता है, जिन्हें कठोर प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है। ये गुप्त अभियान को अंजाम देने में काफी सक्षम होते हैं। अब तक ऐसे खतरों से पुरुष ही गुजरते थे लेकिन अब महिलाएं भी इसका हिस्सा बनेंगी।

'भारत के सैन्य इतिहास में एक वाटरशेड है'

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "नौसेना में महिलाएं अब समुद्री कमांडो (मार्कोस) बन सकती हैं यदि वे मानदंडों को चुनती हैं और उन्हें पूरा करती हैं। यह वास्तव में भारत के सैन्य इतिहास में एक वाटरशेड है। लेकिन किसी को सीधे विशेष बल इकाइयों शामिल नहीं किया जाएगा। पहले लोगों को इसके लिए स्वयंसेवा (वॉलंटियर) के तौर पर काम करना होगा।''

एक दूसरे अधिकारी के अनुसार, स्वेच्छा से मार्कोस बनने का विकल्प महिला अधिकारियों और नाविकों दोनों के लिए उपलब्ध होगा, जो अगले साल अग्निवीर के रूप में सेवा में शामिल होंगी। मार्कोस को विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए प्रशिक्षित किया गया है और वे भूमि, समुद्र और वायु पर काम कर सकते हैं।

ये कमांडो दुश्मन के युद्धपोतों, अपतटीय प्रतिष्ठानों और अन्य प्रमुख संपत्तियों के साथ-साथ नौसेना के संचालन का समर्थन करने के लिए विशेष गोताखोरी संचालन और अवलोकन और टोही मिशनों पर गुप्त हमले कर सकते हैं। वे एक समुद्री सेटिंग में भी आतंकवादियों से लड़ सकते हैं और कश्मीर के वुलर झील क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए तैनात किया गया है।

महिलाओं के लिए नौसेना के विशेष बल विंग की शुरुआत ऐसे समय में हुई है जब बल पहली बार ऑफिसर रैंक (पीबीओआर) कैडर से नीचे के कर्मियों में महिलाओं को शामिल करने की तैयारी कर रहा है। नौसेना ओडिशा में आईएनएस चिल्का प्रशिक्षण सुविधा में अपने प्रथम श्रेणी के अग्निवीरों के प्रशिक्षण पर कड़ी नजर रख रही है, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं। नौसेना के अग्निवीरों के पहले बैच में 3,000 रंगरूटों में 341 महिलाएं शामिल हैं।

कौन होते हैं मार्कोस (कमांडो)?

मार्कोस या मरीन कमांडो फोर्स (MCF) भारतीय नौसेना की स्पेशल ऑपरेशंस फोर्स यूनिट हैं जिन्हें किसी भी स्पेशल ऑपरेशन के लिए बुलाया जाता है। भारतीय नौसेना की इस स्पेशल यूनिट की स्थापना फरवरी साल 1987 में आतंकवादियों तथा समुद्री लुटेरों आदि को सबक सिखाने के लिए किया गया था।

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