"भारतीय मुसलमान सीएए का स्वागत करें, इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है", ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 12, 2024 11:13 AM2024-03-12T11:13:36+5:302024-03-12T11:17:23+5:30

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने भारत सरकार द्वारा लागू किये गये सीएए कानून का स्वागत किया है।

"Indian Muslims should welcome CAA, it has nothing to do with it", said All India Muslim Jamaat President Maulana Shahabuddin Razvi Barelvi | "भारतीय मुसलमान सीएए का स्वागत करें, इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है", ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कहा

फाइल फोटो

Highlightsऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने सीएए का स्वागत कियामौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कहा कि इसका भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं हैसीएए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैर-मुसलमानों को नागरिकता देता है

बरेली: केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम को अधिसूचित किए जाने के कुछ घंटों बाद ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कहा कि वह सीएए कानून का स्वागत करते हैं। रजवी बरेलवी ने सीएए कानून को लेकर मुस्लिम समुदाय के बीच पैदा हुए डर को दूर करते हुए कहा कि इसका भारत के मुसलमानों की नागरिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार  मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा, "भारत सरकार ने सीएए कानून लागू कर दिया है। मैं इस कानून का स्वागत करता हूं। यह पहले ही हो जाना चाहिए था लेकिन देर आए दुरुस्त आए। इस कानून को लेकर मुसलमानों में बहुत सारी गलतफहमियां हैं। इस कानून का उनसे कोई लेना-देना नहीं है। पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैर-मुसलमानों को नागरिकता प्रदान करने के लिए कोई कानून नहीं था, जिन्हें धर्म के आधार पर वहां पर अत्याचार का सामना करना पड़ता था।''

'उन्होंने कहा, 'करोड़ों भारतीय मुस्लिम इस कानून से बिल्कुल भी प्रभावित नहीं होंगे। यह कानून किसी भी मुस्लिम की नागरिकता नहीं छीनने वाला है। पिछले वर्षों में देखा गया है कि इसे लेकर बहुत विरोध प्रदर्शन हुए। वह इसलिए क्योंकि सीएए को लेकर मुसलमानों के मन में गलतफहमियां थीं। कुछ राजनीतिक लोगों ने सीएए को लेकर मुसलमानों के भड़काया लेकिन भारत के हर मुसलमानों को सीएए का स्वागत करना चाहिए।''

रजवी ने कहा कि बीते फरवरी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ शब्दों में कहा था कि सीएए नागरिकता देने के लिए लाया गया है, किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं।

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष ने कहा, "हमारे देश में अल्पसंख्यकों और विशेष रूप से हमारे मुस्लिम समुदाय को उकसाया जा रहा है। सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीन सकता क्योंकि उस अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। अमित शाह ने कहा था कि सीएए बांग्लादेश और पाकिस्तान में सताए गए शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने के लिए एक अधिनियम है।"

मालूम हो कि लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से कुछ दिन पहले बीते सोमवार शाम में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन के लिए नियमों को अधिसूचित किया। मोदी सरकार द्वारा 2019 में संसद द्वारा पारित किये गये सीएए का उद्देश्य 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों मसलन हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाईयों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है, जो वहां पर प्रताड़ित किये जा रहे थे।  

गृह मंत्रालय की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 1 अप्रैल, 2021 से 31 दिसंबर, 2021 के बीच, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के 1,414 व्यक्तियों को नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत पंजीकरण या प्राकृतिकीकरण के माध्यम से भारतीय नागरिकता प्रदान की गई। ।

1955 के नागरिकता अधिनियम के तहत, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे नौ राज्यों में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को पंजीकरण या देशीयकरण द्वारा भारतीय नागरिकता प्रदान की जाती है। 

Web Title: "Indian Muslims should welcome CAA, it has nothing to do with it", said All India Muslim Jamaat President Maulana Shahabuddin Razvi Barelvi

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