फ्रांस पर 235-233 से रोमांचक जीत, विश्व चैंपियनशिप में पहला स्वर्ण पदक, भारतीय पुरुष कंपाउंड तीरंदाजी टीम ने रचा इतिहास

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 7, 2025 16:23 IST2025-09-07T14:21:42+5:302025-09-07T16:23:36+5:30

तीन सेट के बाद स्कोर 176-176 से बराबर था लेकिन दूसरी वरीयता प्राप्त भारतीय टीम ने निर्णायक दौर में अपना धैर्य बनाए रखा और फ्रांस के 57 के मुकाबले शानदार 59 का स्कोर बनाकर ऐतिहासिक स्वर्ण पदक हासिल किया।

Indian men's compound archery team creates history winning first gold medal World Championships thrilling 235-233 win over France | फ्रांस पर 235-233 से रोमांचक जीत, विश्व चैंपियनशिप में पहला स्वर्ण पदक, भारतीय पुरुष कंपाउंड तीरंदाजी टीम ने रचा इतिहास

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Highlightsभारत ने फाइनल तक के अपने सफ़र में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और तुर्की पर प्रभावशाली जीत दर्ज की थी।मिश्रित टीम को फाइनल में नीदरलैंड से 155-157 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। फ्रांस को हराकर विश्व चैंपियनशिप में अपना पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

ग्वांगजूः भारतीय पुरुष कंपाउंड तीरंदाजी टीम ने रविवार को यहां फाइनल में फ्रांस को हराकर विश्व चैंपियनशिप में अपना पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा और इस तरह से महिला टीम को मिली निराशा को दूर कर दिया जो आठ साल में पहली बार पोडियम पर जगह बनाने में नाकाम रही। व्यक्तिगत वर्ग में आठवें स्थान पर रहने वाले ऋषभ यादव ने भी मिश्रित टीम स्पर्धा में अनुभवी ज्योति सुरेखा वेन्नम के साथ रजत पदक जीतकर वापसी की। महिला वर्ग में निराशा हाथ लगी क्योंकि टीम प्री-क्वार्टर फाइनल में बाहर हो गई और 2017 से लगातार पदक जीतने का उसका अभियान समाप्त हो गया।

तेईस वर्षीय ऋषभ ने अमन सैनी और प्रथमेश फुगे के साथ मिलकर भारत को पुरुष कंपाउंड टीम के खिताबी मुकाबले में फ्रांस पर 235-233 से रोमांचक जीत दिलाई। फ्रांस ने निकोलस गिरार्ड, जीन फिलिप बौल्च और फ्रेंकोइस डुबोइस को मैदान में उतारा, लेकिन भारतीय टीम ने दबाव में भी उल्लेखनीय धैर्य दिखाया।

इसका श्रेय फुगे को जाना चाहिए, जो क्वालीफायर में 19वें और भारतीय खिलाड़ियों में अंतिम स्थान पर रहे थे। इस 23 वर्षीय खिलाड़ी ने पहले चरण में 9-9 का स्कोर बनाया लेकिन इसके बाद उन्होंने लगातार छह परफेक्ट 10 लगाए। इसमें निर्णायक अंतिम तीर भी शामिल था, जिसने भारत के लिए ऐतिहासिक स्वर्ण पदक सुनिश्चित किया।

भारत के मुख्य कंपाउंड कोच जीवनजोत सिंह तेजा ने पीटीआई से कहा, ‘‘यह सिर्फ फुगे की बात नहीं है, बल्कि तीनों खिलाड़ियों ने अपना जज्बा दिखाया और दबाव में आए बिना एक-दूसरे का साथ दिया। ’’ पहले चरण के बाद भारत 57-59 से पीछे था, लेकिन दूसरे चरण में उसने छह 10-10 के साथ वापसी करते हुए स्कोर 117-117 पर बराबर कर दिया।

तीसरे चरण में दोनों टीमों ने 59-59 अंक बनाए, जिससे स्कोर 176-176 से बराबर रहा। अंतिम चरण में फ्रांस की टीम लड़खड़ा गई और भारत स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रचने में सफल रहा। भारत ने फाइनल तक के अपने सफ़र में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और तुर्की पर प्रभावशाली जीत दर्ज की थी।

इससे पहले दिन में यादव और ज्योति को मिश्रित टीम फाइनल में नीदरलैंड के विश्व नंबर एक माइक श्लोएसर और साने डे लाट की जोड़ी से 155-157 से हार का सामना करना पड़ा। भारतीय जोड़ी ने पहले चरण के बाद एक अंक की बढ़त बना ली थी, लेकिन दूसरे चरण में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और वे 76-77 से पीछे हो गए।

नीदरलैंड की जोड़ी ने इसके बाद भी अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखा और छह 10 अंक बनाकर स्वर्ण पदक हासिल किया। भारत का इस स्पर्धा में 2021 के बाद यह पहला पदक है। दो साल पहले बर्लिन में उसे पदक नहीं मिला था। तेजा ने कहा, ‘‘पिछली बार पदक से चूकने के बाद इस बार हम पदक जीतकर खुश हैं।

प्रदर्शन तो अच्छा है, लेकिन खेल में आप हर बार नहीं जीत सकते। नीदरलैंड के खिलाड़ियों ने आज बेहतरीन प्रदर्शन किया।‘‘ भारत को एकमात्र झटका महिला कंपाउंड टीम से लगा, जो शनिवार को प्री-क्वार्टर फ़ाइनल में हारकर पदक की दौड़ से बाहर हो गई थी।

Web Title: Indian men's compound archery team creates history winning first gold medal World Championships thrilling 235-233 win over France

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