विदेश में मरने वाले भारतीयों के शवों को लाने में मदद करेगी भारत सरकार, 3 अगस्त को स्वास्थ्य मंत्रालय लॉन्च करेगा ई-केयर पोर्टल
By अंजली चौहान | Published: August 2, 2023 06:15 PM2023-08-02T18:15:27+5:302023-08-02T18:17:39+5:30
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय कल, 3 अगस्त को ई-केयर (पश्चात जीवन अवशेषों के लिए ई-क्लीयरेंस) पोर्टल लॉन्च करेगा। यह पोर्टल विदेश में मरने वाले भारतीयों के अवशेषों के त्वरित हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करेगा।
नई दिल्ली: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विदेशों में रह रहे भारतीयों के लिए एक मददगार पहल की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट के जरिए सूचना दी है कि कल यानी 3 अगस्त को ई-केयर (पश्चात जीवन अवशेषों के लिए ई-क्लीयरेंस) पोर्टल लॉन्च किया जाएगा।
ये पोर्टल विदेश में मरने वाले भारतीयों के शवों को भारत वापस लाने में मदद करेगा। इस पोर्टल के जरिए परिजन अपने मृतक रिश्तेदार को सरकार की मदद से भारत ला पाएंगे।
हालांकि, मंत्रालय ने इसके साथ ही यह भी बताया है कि इस पोर्टल के जरिए कैसे लोग शवों को ला पाएंगे और इसके लिए क्या जरूरी नियम है।
शव लाने के क्या होंगे नियम?
भारतीय हवाई अड्डों पर आने वाले सभी मानव अवशेषों को सार्वजनिक स्वास्थ्य मंजूरी के लिए आवश्यक दस्तावेजों को लाना जरूरी होगा।
1- भारतीय विमान (सार्वजनिक स्वास्थ्य) नियम 1954 और अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम, 2005 के अनुसार विदेश से लाए गए शव/मानव अवशेषों की सार्वजनिक स्वास्थ्य मंजूरी आवश्यक होगी।
2- किसी अधिकृत एजेंसी द्वारा जारी किया गया शव लेपन प्रमाणपत्र, जिसमें कहा गया हो कि मृत शरीर या मानव अवशेषों को संलेपित किया गया है और भली भांति बंद करके सीलबंद (वायुरोधी और पानी प्रतिरोधी) ताबूत में रखा गया हो।
Ministry of Health and Family Welfare to launch e-CARe (e-Clearance for Afterlife Remains) portal tomorrow, 3rd August. The portal will facilitate the swift transfer of mortal remains of Indians who die abroad. pic.twitter.com/vB4I8OTynS
— ANI (@ANI) August 2, 2023
3- शव के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र लाना जरूरी होगा जिसमें मृत्यु के कारण का उल्लेख हो या अंग्रेजी में उचित अनुवाद के साथ उसकी सच्ची प्रति।
भारतीय दूतावासों/उच्चायोगों/वाणिज्य दूतावासों द्वारा जारी मृतक के मानव अवशेषों के परिवहन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी)। बशर्ते कि जहां ऐसा कोई राजनयिक प्रतिनिधि न हो, हवाईअड्डा स्वास्थ्य अधिकारी संलग्न दस्तावेजों के आधार पर आवश्यकता से छूट दे सकता है।
4- डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों के अनुसार मानव अवशेषों की पैकेजिंग का प्रमाण पत्र खेप प्राप्तकर्ता द्वारा प्रमाण पत्र या समर्थन कि ताबूत में उस व्यक्ति का मृत शरीर या मानव अवशेष हैं जिनके दस्तावेज हवाई अड्डे के स्वास्थ्य अधिकारी को मंजूरी के लिए प्रस्तुत किए गए हैं और कुछ नहीं।
अगर मृत्यु रासायनिक, विकिरण के खतरे, परमाणु, भोजन से संबंधित घटना के कारण हुई है, तो इस आशय के आवश्यक दस्तावेज भी प्राप्त किए जाएंगे।
5- ऐसे मामले में जहां डूबने या गंभीर रूप से जले हुए शवों के कारण शव लेप नहीं किया जाता है, मानव अवशेषों को भली भांति बंद करके सील किए गए कलश या कंटेनर में पैक करना होगा।
विमान नियम, 1937 के साथ-साथ वायुयान (खतरनाक माल की ढुलाई) नियम, 2003 में निहित प्रावधानों के अनुसार हवाई अड्डे के स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा मूल्यांकन की जा सकने वाली अतिरिक्त पैकिंग आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए असंतुलित मानव अवशेषों की आवश्यकता होगी।