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महामारी के कारण आयी मंदी से तेजी से उभर रही भारतीय अर्थव्यवस्था : श्रृंगला

By भाषा | Updated: December 14, 2021 13:45 IST

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नयी दिल्ली, 14 दिसंबर भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड महामारी के कारण आयी मंदी से तेजी से उबर रही है और तीव्र गति से विकास की ओर लौट रही है।

उन्होंने कहा कि देश के व्यापार के आंकड़े आशाजनक हैं और मौजूदा वित्त वर्ष में देश में कुल 81.72 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हुआ है, जो अब तक की सबसे अधिक राशि है।

श्रृंगला ने सोमवार को ‘इंडिया ग्लोबल फोरम’ को संबोधित करते हुए कहा कि साल 2021-22 के लिए 400 अरब अमेरिकी डॉलर के निर्यात का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया गया है और "विभिन्न देशों के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत के लिए अभूतपूर्व जोर दिया गया है।’’

उन्होंने कहा कि अभी संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, इजराइल सहित कई अन्य देशों के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत की जा रही है। विदेश सचिव ने आर्थिक खुलापन, सुशासन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा पिछले कुछ वर्षों में शुरू किए गए विभिन्न महत्वाकांक्षी ढांचागत सुधारों का भी जिक्र किया।

श्रृंगला ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे महत्वाकांक्षी सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमताओं के साथ एक प्रमुख हरित ऊर्जा केंद्र के रूप में भी सामने आया है। उन्होंने दुबई में आयोजित कार्यक्रम में कहा, "भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी के कारण आयी मंदी से तेजी से उबर रही है और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में वापस लौट रही है।"

विदेश सचिव ने कहा "आरबीआई के अनुसार, इस साल की पहली तिमाही में भारतीय जीडीपी (सकल घरेलू उत्पादन) में साल दर साल आधार पर 20 प्रतिशत की वृद्धि हुयी है। आईएमएफ ने इस साल के लिए 9.5 प्रतिशत वृद्धि दर रहने का अनुमान लगाया है, जो दोहरे अंकों के करीब है।"

श्रृंगला ने कहा कि भारत को एक विश्वसनीय वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला केंद्र बनाने के लिए आत्मानिर्भर भारत अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि महामारी के कारण लगे आर्थिक झटके का मुकाबला करने के लिए बड़े पैमाने पर राजकोषीय और मौद्रिक सहायता पैकेज जारी किया। करीब 408.7 अरब अमेरिकी डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज के जरिए तरलता को बढ़ावा दिया गया।

उन्होंने कहा, "यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद के करीब 15 प्रतिशत के बराबर है जो इसे दुनिया के सबसे बड़े आर्थिक पैकेज में से एक बनाता है। एमएसएमई जैसे संवेदनशील क्षेत्रों की ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।"

आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए किए गए विभिन्न उपायों का जिक्र करते हुए श्रृंगला ने कहा कि आठ क्षेत्रों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को जोर दिया गया है। इन क्षेत्रों में कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, नागरिक उड्डयन, बिजली वितरण, सामाजिक बुनियादी ढांचा, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच व्यापारिक संबंध तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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