वीडियो: खून जमाने वाली सर्दी और कमर तक बर्फबारी के बाद भी सीमा पर डटे हैं सेना के जवान, देखिए कैसे होती है बॉर्डर की रखवाली

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: February 11, 2024 02:31 PM2024-02-11T14:31:43+5:302024-02-11T14:33:14+5:30

सेना के जवान भारी ठंड और बर्फबारी के बीच माइनस 30 से माइनस 60 डिग्री से भी कम तापमान में भी मुस्तैद रहते हैं। सर्दियां आते ही जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख की ऊंची चोटियां पहाड़ों से ढक जाती हैं।

Indian Army soldiers high altitude terrain Siachen Kargil, Dras border guarding | वीडियो: खून जमाने वाली सर्दी और कमर तक बर्फबारी के बाद भी सीमा पर डटे हैं सेना के जवान, देखिए कैसे होती है बॉर्डर की रखवाली

(फाइल फोटो)

Highlightsभारतीय सेना दुर्गम परिस्थितियों में भी सीमा पर डटी रहती हैसर्दियों में सबसे ज्यादा चुनौती मौसम से ही होती हैबर्फीले तूफान दुश्मन के हमले से भी ज्यादा खतरनाक होते हैं

नई दिल्ली: सरहद की निगरानी में तैनात भारतीय सेना कैसे दुर्गम परिस्थितियों में भी सीमा पर डटी रहती है इसका एक वीडियो इंडियन आर्मी की उत्तरी कमान ने अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया है। भारतीय सेना की उत्तरी कमान कश्मीर और लद्दाख की ऊंची पहाड़ियों पर साल भर तैनात रहती है और इसी के जिम्मे पाकिस्तान और चीन से लगती सीमा के एक बड़े हिस्से की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे भारतीय सेना के जवान खून जमा देने वाली सर्दी और कमर तक की बर्फ में भी गश्ती का काम नहीं छोड़ते। इंडियन आर्मी को ऐसे काम करते देख आपका सीना भी गर्व से भर जाएगा।

दरअसल सर्दियां आते ही जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख की ऊंची चोटियां पहाड़ों से ढक जाती हैं। लेकिन ऐसी स्थिति में भी सेना के जवान भारी हथियारों के साथ निगरानी और गश्ती के काम में जुटे रहते हैं। न सिर्फ पैदल सैनिक बल्कि भारतीय सेना की भारी तोपें भी इस दुष्कर मौसम में दुश्मन की किसी भी हिमाकत का जवाब देने के लिए तैनात हैं।

सर्दियों में सबसे ज्यादा चुनौती मौसम से ही होती है। बर्फीले तूफान दुश्मन के हमले से भी ज्यादा खतरनाक होते हैं। ऐसे में सैनिकों को खास किस्म के कपड़े तो पहनने ही पड़ते हैं साथ ही मानसिक रूप से भी काफी तैयार होना पड़ता है। इन इलाकों में खाने-पीने की चीजें पहुंचाना भी बड़ा मुश्किल काम है इसलिए सैनिकों को कई बार सूखे मेवे और खास किस्म के बिस्किट पर निर्भर रहना पड़ता है।

सेना के जवान भारी ठंड और बर्फबारी के बीच माइनस 30 से माइनस 60 डिग्री से भी कम तापमान में भी मुस्तैद रहते हैं। भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले साल मई 2020 से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में गतिरोध बना हुआ है। पैंगोंग झील वाले इलाके में हिंसक टकराव के बाद भारतीय सेना यहां भारी संख्या में यहां पिछले चार साल से तैनात है। सियाचिन में तो तापमान माइनस 60 डिग्री तक चला जाता है। करगिल, द्रास जैसी जगहों पर भी सर्दियों में तापमान काफी गिर जाता है। लेकिन तमाम कठिनाइयों के बावजूद भी सेना के जवान बॉर्डर की सुरक्षा करते हैं।

Web Title: Indian Army soldiers high altitude terrain Siachen Kargil, Dras border guarding

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे