लद्दाख सीमा पर भारतीय सेना ने किया शक्ति प्रदर्शन, चीन को दिखाई ताकत
By सुरेश डुग्गर | Published: September 18, 2019 07:14 PM2019-09-18T19:14:14+5:302019-09-18T19:14:14+5:30
मोदी सरकार भावी चुनौतियों को देखते हुए लद्दाख में सेना की मारक क्षमता को कई गुणा बढ़ाने की मुहिम पर है। 15वीं वित्त आयोग की टीम ने भी लद्दाख का दौरा कर सेना के बुनियादी ढांचे और साजोसामान की जरूरतों को पूरा करने के लिए फंड की जरूरत पर गौर किया है।
चीन के साथ हालिया तनाव के बीच भारत की सेना के तीनों अंगों ने लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में जोरदार युद्धाभ्यास कर दुश्मन को अपनी ताकत का अहसास कराया है। इस युद्धाभ्यास में सेना द्वारा टी-90 टैंक की मारक क्षमता का जो प्रदर्शन किया है उसने माहौल को और तनावपूर्ण इसलिए बना दिया है क्योंकि चीनी सेना इस टैंक की लद्दाख में अपनी सीमा पर मौजूदगी को सहन नहीं कर पा रही है।
इस युद्धाभ्यास के दौरान उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह भी मौजूद थे। इसी इलाके में पिछले दिनों भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। पिछले बुधवार को भारत और चीन के सैनिक भी पूर्वी लद्दाख में भिड़ गए थे। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच काफी देर तक धक्का-मुक्की होती रही। यह घटना 134 किलोमीटर लंबी पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर हुई, जिसके एक तिहाई हिस्से पर चीन का नियंत्रण है।
अब लद्दाख के उच्च पर्वतीय क्षेत्र में सेना को युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार करने की मुहिम जारी है। उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह मंगलवार को पूर्वी लद्दाख में सेना के एकीकृत युद्धाभ्यास में शामिल हुए। पूर्वी लद्दाख में चीन से सटे भारतीय क्षेत्रों की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए भारतीय सेना के बेड़े में आधुनिक उपकरणों को शामिल किया जा रहा है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार आर्मी कमांडर ने सेना की सभी अंगों के युद्धाभ्यास का हिस्सा बनकर ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया। आर्मी कमांडर ने आधुनिक टी-90 भीष्म टैंक की सवारी कर इसकी मारक क्षमता का जायजा लिया। यह टैंक रात के समय भी सटीक गोलाबारी करने की क्षमता रखता है। इसके अलावा रूस में बने टैंकों को भी भारतीय सेना के बेड़े में शामिल करने की प्रक्रिया जारी है। लद्दाख में पाकिस्तान और चीन के सामने खड़ी सेना को मजबूत करना समय की मांग है।
ऐसे में मोदी सरकार भावी चुनौतियों को देखते हुए लद्दाख में सेना की मारक क्षमता को कई गुणा बढ़ाने की मुहिम पर है। 15वीं वित्त आयोग की टीम ने भी लद्दाख का दौरा कर सेना के बुनियादी ढांचे और साजोसामान की जरूरतों को पूरा करने के लिए फंड की जरूरत पर गौर किया है। उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर के साथ आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने वित्त आयोग की टीम को जमीनी हालात का निरीक्षण करवाकर मौजूदा चुनौतियों और उनसे निपटने के बारे में बताया।