जोधपुर: भारत में बने पहले हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर्स (made in India light combat helicopters) आज भारतीय वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल कर लिए जाएंगे। इससे वायुसेना की ताकत में और वृद्धि होगी, क्योंकि यह बहुपयोगी हेलीकॉप्टर कई तरह की मिसाइल दागने और हथियारों का इस्तेमाल करने में सक्षम है। इन लड़ाकू हेलीकॉप्टर्स (एलसीएच) को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने विकसित किया है और इसे प्राथमिक रूप से ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने के लिए डिजाइन किया गया है।
जोधपुर में वायुसेना में शामिल होगा एलसीएच
इस हेलीकॉप्टर को जोधपुर स्थित वायुसेना के ठिकाने पर आयोजित एक कार्यक्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी की उपस्थिति में शामिल किया जाएगा। रक्षामंत्री ने रविवार को इस संबंध में एक ट्वीट में कहा कि नये हेलीकॉप्टरों को शामिल करने से भारतीय वायुसेना के युद्ध कौशल को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
अधिकारियों ने बताया कि 5.8 टन वजन के और दो इंजन वाले इस हेलीकॉप्टर से पहले ही कई हथियारों के इस्तेमाल का परीक्षण किया जा चुका है। इस साल मार्च में UR प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की बैठक में, स्वदेश विकसित 15 एलसीएच को 3,887 करोड़ रुपये में खरीदने की मंजूरी दी गई थी। रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना के लिए और पांच थल सेना के लिए होंगे।
एलसीएच की क्या है खासियत
एलसीएच ‘एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर’ 1999 में कारगिल में इस्तेमाल किए गए ध्रुव से समानता रखता है। इसमें ‘स्टील्थ’ (राडार से बचने की) विशेषता, बख्तरबंद सुरक्षा प्रणाली, रात को हमला करने और आपात स्थिति में सुरक्षित उतरने की क्षमता है। इसके अलावा इसमें सभी मौसम में उड़ान भरने की क्षमता है। यह कैसे भी मौसम हालात में दुश्मन पर हमला कर सकता है।
इस हेलिकॉप्टर में दुश्मन के एयर डिफेंस को ध्वस्त करने की क्षमता है। इसके अलावा काउंटर इंसरजेंसी (Counter-insurgency) और Combat search and rescue (CSAR) जैसे काम को अंजाम देने की क्षमता है।
इसमें एक साथ दो लोग बैठ सकते हैं। यह 51.10 फीट लंबा है और ऊंचाई 15.5 फीट है। इसका वजन करीब 5800 किलोग्राम है। यह हेलीकॉप्टर 268 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है। साथ ही एक बार में लगातार सवा तीन घंटे उड़ सकता है।
(भाषा इनपुट)