शांति के लिए भारत ने फिर की पहल, WTO वार्ता के लिए पाक के मंत्री को न्योता
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: February 26, 2018 15:38 IST2018-02-26T15:38:06+5:302018-02-26T15:38:06+5:30
सीमा पर तनाव के बावजूद भारत ने एक कूटनीतिक पहल की है। विश्व व्यापार संगठन की एक बैठक के लिए पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्री को आमंत्रण भेजा है।

शांति के लिए भारत ने फिर की पहल, WTO वार्ता के लिए पाक के मंत्री को न्योता
सीमा पर तनातनी के बीच भारत ने शांति के लिए एक बड़ी कूटनीतिक पहल की है। भारत सरकार ने पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्री को विश्व व्यापार संगठन (WTO) की एक बैठक में शामिल होने का न्यौता भेजा है। यह अनौपचारिक बैठक 19-20 मार्च को आयोजित की जाएगी। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक पिछले साल दिसंबर में दोनों देशों के एनएसए अजीत डोभाल और नसीर जुनेजा के बीच बैठक हुई थी। माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच जमी बर्फ का पिघलना इसी मुलाकात के परिणाम स्वरूप हुआ है।
पठानकोट हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को लेकर अपनी रणनीति में बदलाव किया था। दोनों देशों में शांति के लिए भारत के रुख में नरमी की उम्मीद की जा रही है। इसी पहल के साथ भारत सार्क (SAARC) समिट में भाग लेने पर भी विचार कर सकता है। पिछले साल भारत समेत कई दक्षिण एशियाई देशों ने पाकिस्तान में होने वाली सार्क समिट का बहिष्कार किया था।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत और पाकिस्तान ने जेलों में बंद एक-दूसरे के कैदियों को रिहा करने का भी फैसला किया है। इन कैदियों में महिलाएँ, बच्चे, मानसिक रूप से विक्षिप्त कैदी शामिल होंगे जिन्होंने छोटी-मोटी गलती के लिए लंबे समय से जेलों में बंद रखा गया है। दोनों देशों में ऐसे कैदियों की संख्या करीब 50 है। यह कदम निश्चित रूप से दोनों देशों के बीच जमी बर्फ पिघलाने में मददगार साबित होगा।
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दो साल पहले पठानकोट हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को लेकर बेहद सख्त रुख अख्तियार किया था। भारत का कहना था कि जब तक आतंकवाद के खात्मे के लिए पाकिस्तान कार्रवाई नहीं करता, बातचीत संभव नहीं है।
पिछले हफ्ते भारत के विदेश राज्यमंत्री एम.जे. एकबर तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत पाइपलाइन की शुरुआत के मौके पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद अब्बासी खाकान के साथ दिखाई दिए थे। इसे 'पीस पाइपलाइन' कहा जा रहा है जिससे दक्षिण एशिया में शांति को बढ़ावा मिलेगा।