चीनी निवेशकों को एलआईसी के आईपीओ में निवेश करने से रोकना चाहती है सरकार: रिपोर्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 23, 2021 14:21 IST2021-09-23T14:21:35+5:302021-09-23T14:21:35+5:30
एक तरफ सरकार करीब 12.2 अरब डॉलर के देश के सबसे बड़े आईपीओ के लिए विदेशी निवेशकों को भागीदारी के लिए मंजूरी देने की तैयारी कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार इसे चीनी निवेशकों से बचाना चाहती है.

चीनी निवेशकों को एलआईसी के आईपीओ में निवेश करने से रोकना चाहती है सरकार: रिपोर्ट
नई दिल्ली: भारत सरकार चीनी निवेशकों को भारतीय बीमा क्षेत्र की दिग्गज जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के शेयर खरीदने से रोकना चाहती है. चार वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और एक बैंकर ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को यह जानकारी दी.
सरकारी स्वामित्व वाली एलआईसी को एक रणनीतिक संपत्ति माना जाता है. 500 अरब डॉलर से अधिक की संपत्ति के साथ इसका भारत के जीवन बीमा बाजार के 60 फीसदी से अधिक की हिस्सेदारी है.
सूत्रों का कहना है कि एक तरफ सरकार करीब 12.2 अरब डॉलर के देश के सबसे बड़े आईपीओ के लिए विदेशी निवेशकों को भागीदारी के लिए मंजूरी देने की तैयारी कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार इसे चीनी निवेशकों से बचाना चाहती है.
बता दें कि, पिछले साल दोकलाम में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद राजनीतिक तनाव बरकरार है.
सरकार संवेदनशील कंपनियों और क्षेत्रों में चीनी निवेश को सीमित करने, चीनी मोबाइल एप्स को प्रतिबंधित करने और आयातित चीनी सामानों के लिए अधिक जांच जैसे कदम उठाए हैं.
एलआईसी जैसी कंपनियों में चीनी निवेश को खतरा पैदा करने वाला बताते हुए एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि सीमा पर चीन के साथ संघर्ष के बाद सबकुछ पहले जैसा नहीं रह गया है. भरोसे की कमी कहीं ज्यादा गहरी हो गई है.
भारत के वित्त मंत्रालय, एलआईसी और चीन के विदेश मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
बता दें कि, वित्तीय संकट के समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रशासन मार्च में खत्म होने वाले इस वित्त वर्ष में एलआईसी के पांच से दस फीसदी शेयरों को बेचकर 900 अरब रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है.