सर्दियों से पहले एलएसी से सैनिकों को पीछे हटाने के लिए भारत ने चीन को दिया 13वें दौर की बातचीत का न्यौता

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: August 28, 2021 16:21 IST2021-08-28T16:17:37+5:302021-08-28T16:21:48+5:30

भारतीय सेना चाहती है कि सर्दियों की शुरूआत से पहले ही वह चीन से सटी एलएसी के विवादित क्षेत्रों से अपने सैनिकों को हटा ले क्योंकि एक साल से तैनात फौजियों की तैनाती को बनाए रखना दोनों मुल्कों की सेनाओं को भारी पड़ रही है. इसी इरादे से भारतीय सेना 13वें दौर की बातचीत के लिए चीनी सेना को न्यौता देने जा रही है जिसमें सबसे प्रमुख विवादित स्थान हाट स्प्रिंगस पर ही बातचीत की जानी है.

India invites China for 13th round of talks to withdraw troops from LAC before winter | सर्दियों से पहले एलएसी से सैनिकों को पीछे हटाने के लिए भारत ने चीन को दिया 13वें दौर की बातचीत का न्यौता

सर्दियों से पहले एलएसी से सैनिकों को पीछे हटाने के लिए भारत ने चीन को दिया 13वें दौर की बातचीत का न्यौता

Highlightsभारत ने 13वें दौर की बातचीत के लिए चीन को दिया न्यौतासर्दियों के पहले एलएसी से सैनिकों को हटाने के मुद्दे पर बातचीतभारत-चीन सीमा पर 50-50 हजार से अधिक सैनिक हैं तैनात

भारतीय सेना चाहती है कि सर्दियों की शुरूआत से पहले ही वह चीन से सटी एलएसी के विवादित क्षेत्रों से अपने सैनिकों को हटा ले क्योंकि एक साल से तैनात फौजियों की तैनाती को बनाए रखना दोनों मुल्कों की सेनाओं को भारी पड़ रही है. इसी इरादे से भारतीय सेना 13वें दौर की बातचीत के लिए चीनी सेना को न्यौता देने जा रही है जिसमें सबसे प्रमुख विवादित स्थान हाट स्प्रिंगस पर ही बातचीत की जानी है.

सेनाधिकारी इसे मानते हैं कि एलएसी पर अब दोनों सेनाओं के बीच सबसे कठिन और प्रमुख विवादित क्षेत्र हाट स्प्रिंग्स है. हालांकि उनका दावा था कि मई 2020 के बने गतिरोध वाले स्थानों में से अधिकांश का भारत और चीन समाधान कर चुके हैं, जिनमें पैंगोंग झील, गलवान घाटी और गोगरा हाइट्स शामिल हैं.

दरअसल हाट स्प्रिंग्स का विवाद पिछले साल का नहीं है बल्कि कई सालों का है. इस इलाके में चीनी सेना की मौजूदगी के कारण भारतीय सेना को अपने ही कई इलाकों में गश्त करने में दिक्कतें पेश आ रही हैं.

याद रहे पिछले साल पूर्वी लद्दाख में चीन ने कई इलाकों में घुसपैठ की थी, लेकिन भारत ने तेजी से कड़ी कार्रवाई करते हुए उसके मूवमेंट को रोक दिया था. सैनिकों को पीछे हटाने के बावजूद दोनों ओर से ऊंचाई वाले स्थानों पर 50-50 हजार से अधिक सैनिक तैनात हैं.

इसकी वजह यह है कि भारतीय सेना को चीनी सेना के इरादों पर कतई भरोसा नहीं है और वह चीनी सेना की हर गतिविधि पर करीब से नजर रख रही है. दावानुसार, पिछले दौर की वार्ता के फलस्वरूप गोगरा हाइट्स इलाके से सैनिकों को पीछे हटाया गया था. इससे पहले इसी साल फरवरी में दोनों देशों ने पैंगांग झील के किनारों से अपनी सेनाओं को पीछे हटाया था और विवादित इलाकों में गश्त रोक दी थी.

रक्षा सूत्रों ने इसे माना है कि पूर्वी लद्दाख में जारी संघर्ष को सुलझाने की दिशा में एक और कदम के तहत भारत और चीन जल्द ही सैन्य कमांडर स्तर की 13वें दौर की वार्ता करेंगे. इसमें हाट स्प्रिंग्स फ्रिक्शन बिंदु को लेकर चर्चा की जानी है. इसके लिए भारत की ओर से जल्द ही चीनी सेना को न्यौता भेजा जाएगा.

एक रक्षाधिकारी के मुताबिक, हाट स्प्रिंग्स क्षेत्र में विवाद को दूर करने के लिए नए सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता के लिए चीनियों को निमंत्रण भेजा जा रहा है. यह मई 2020 के बाद उभरे नए विवदित बिंदुओं में से अंतिम होगा. यह जग जाहिर है कि पिछले कई सालों से चीन के साथ एलएसी पर कई विवादित बिंदु हैं, जिनमें चार नए विवादित बिंदु और कुछ विरासत वाले जैसे देपसांग मैदान शामिल हैं.

भारत और चीन के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है. सूत्रों ने कहा कि चीन नए और पुराने विवादित क्षेत्रों पर अलग-अलग बातचीत चाहता था, लेकिन भारत उनके बारे में संयुक्त रूप से बात पर जोर देता आया है.

भारत और चीन इस महीने की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख के गोगरा हाइट्स क्षेत्र से अपने सैनिकों को हटाने पर सहमत हुए थे. दोनों पक्षों के बीच अंतिम समझौता लगभग छह महीने पहले हुआ था जब भारत और चीन पैंगांग झील क्षेत्र में सैनिकों को हटाने पर सहमत हुए थे.

पिछले साल पूर्वी लद्दाख में चीनी आक्रमण के बाद, एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएस जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे सहित चीन अध्ययन समूह शीर्ष सैन्य नेतृत्व के मार्गदर्शन में मामले को सुलझाने में सक्रिय रूप से शामिल रहा है.

Web Title: India invites China for 13th round of talks to withdraw troops from LAC before winter

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